Saturday - 2 November 2024 - 6:07 PM

इन लोगों ने खींचा ‘हाथ’ तो BJP ने बना डाला CM

दीपक जोशी 

हाल के दिनों में बीजेपी ने कई राज्यों के सीएम बदले हैं। कल त्रिपुरा में सीएम बिप्लब देब ने अचानक से अपने पद से इस्तीफा देकर चौंका दिया है।

हालांकि बीजेपी ने देर किये बगैर देर शाम नये सीएम चेहरे का एलान भी कर दिया। इससे पहले बीजेपी ने उत्तराखंड, गुजरात और कर्नाटक में सीएम चेहरे को बदला है।

सबसे अहम बात यह है कि बीजेपी ने उन्ही लोगों को सीएम बनाया है जो कांग्रेस छोडक़र कमल का दामन थामा है। भगवा पार्टी ने कांग्रेस छोडक़र आए कद्दावर नेताओं को मुख्यमंत्री पद की पेशकश की है।

हिमंत बिस्वा सरमा : हिमंत 2015 में कांग्रेस से किनारा कर लिया था और बीजेपी में शामिल हो गए थे। इसके बाद साल 2016 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में सरमा ने बीजेपी के लिए कड़ी मेहनत की और बीजेपी को अच्छी सफलता मिली।

हिमंत असम की जलुकबाड़ी विधानसभा सीट से लगातार पांचवीं बार विधायक बने। वहीं सोनोवाल की सरकार में हिमंत बिस्वा सरमा को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। हिमंत बिस्वा सरमा साल 2021 में असम के 15वें मुख्यमंत्री बने थे। उन्हें यह जिम्मेदारी सर्बानंद सोनोवाल की जगह दी गई थी।

मणिपुर एन बीरेन सिंह : एन बीरेन सिंह ने 2016 में कांग्रेस से किनारा कर लिया और मणिपुर में 2017 के विधानसभा चुनाव से ठीक एक साल पहले बीजेपी में शामिल हो गए थे और 15 साल बाद राज्य में गैर कांग्रेसी सरकार बनी तो बीजेपी ने उनको सीएम बनाने का फैसला किया। मणिपुर में बीरेन सिंह बीजेपी के पहले सीएम बने।

नागालैंड : नेफ्यू रियो रू ने 2002 में कांग्रेस छोड़ दी थी। स्थानीय मीडिया की माने तो नागालैंड मुद्दे पर तत्कालीन सीएम एससी जमीर के साथ मतभेदों के कारण इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्होंने रियो नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) को ज्वाइन कर लिया। बता दें कि ये दल भाजपा से जुड़ा था। उनके नेतृत्व में डेमोक्रेटिक अलायंस ऑफ नागालैंड का गठन किया गया था। इस गठबंधन ने 2003 में विधानसभा चुनाव जीता था। इसका नतीजा यह रहा कि कांग्रेस को 10 साल बाद सत्ता बेदखल होना पड़ा और नेफ्यू रियो पहली बार नागालैंड के मुख्यमंत्री बने।

त्रिपुरा : माणिक साहा : माणिक साहा ने त्रिपुरा के नये मुख्यमंत्री के तौर पर रविवार को शपथ ले ली है। इसके साथ ही वो राज्य के 11वें मुख्यमंत्री बन गए है। साहा कांग्रेस छोडक़र 2016 में बीजेपी में आ गए थे और माणिक को चार साल बाद 2020 में प्रदेश पार्टी अध्यक्ष के तौर पर काम किया।

बता दे कि कल बिप्लब देब के इस्तीफे के बाद अगरतला पहुंचे बीजेपी पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में हुई विधायक दल की बैठक माणिक साहा को विधायक दल का नेता चुना गया और उनका मुख्यमंत्री बनना तय हो गया था ।

 

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