जुबिली न्यूज डेस्क
यूक्रेन संकट के बाद से गेहूं की डिमांड काफी बढ़ गई थी। भारत से खूब गेहूं निर्यात हुआ। फिलहाल भारत सरकार ने तत्काल प्रभाव से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है।
शुक्रवार देर रात केंद्र सरकार ने जारी एक अधिसूचना में इसे दुनिया के दूसरे सबसे बड़े गेहूं उत्पादक देश के द्वारा स्थानीय कीमतों पर लगाम लगाने की एक कोशिश बताया है।
भारत सरकार ने कहा है कि पहले जारी किए गए लेटर ऑफ क्रेडिट के लिए गेहूं के शिपमेंट की अनुमति रहेगी।
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दरअसल फरवरी के अंतिम सप्ताह में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से काला सागर क्षेत्र से निर्यात गिरने की वजह से वैश्विक खरीदार गेहूं की आपूर्ति के लिए भारत पहुंच रहे थे।
इससे पहले 15 अप्रैल को केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट में कहा था कि भारतीय किसान दुनिया के पेट भर रहे हैं।
वहीं मिस्र ने भी भारत से गेहूं के इम्पोर्ट को मंजूरी दी है। विश्व में बढ़ती मांग को देखते हुए वित्त वर्ष 2022-23 में भारत में गेहूं का निर्यात 100 लाख (10 मिलियन) टन पार कर जाएगा।
अब भारत में हालात बदल गए हैं। MSP से अधिक कीमत में गेहूं की खरीद और पैदावार में कमी की वजह से सरकारी खरीद प्रभावित हुई है।
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फिलहाल केंद्र सरकार ने अब गेहूं के निर्यात पर पाबंदी लगा दी है। मालूम हो कि इन दिनों बाजार में गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक कीमत पर बिक रहा है।