लखनऊ। अमिताभ ठाकुर ने लखनऊ जेल के अफसरों द्वारा उनकी 03 साहित्यिक कृति सहित अन्य सामान व अभिलेख गायब करने का आरोप लगते हुए एफआईआर की मांग की है.
थानाध्यक्ष गोसाईंगंज को जनसुनवाई पोर्टल से भेजे अपनी शिकायत में अमिताभ ने कहा कि उन्होंने लखनऊ जेल में रहने के दौरान 16 सितंबर 2021 को अपनी लिखी 241 पृष्ठों की ‘मेरी जेल डायरी’ तथा ‘कहाँ थे, कहाँ आ गए” व “मर्डर: एक सत्य कथा” नामक दो कहानियां जेल प्रशासन को अपनी पत्नी डॉ नूतन ठाकुर को मुलाकात के समय देने के लिए दिया, लेकिन वे कृतियाँ जेल प्रशासन द्वारा आज तक वापस नहीं की गई हैं तथा गायब कर दी गयीं.
इसी प्रकार अमिताभ ने अपने प्रवास के दौरान विभिन्न प्राधिकारियों के लिए कुल 545 पत्र जेल प्रशासन को सौंपे जिनमे कुछ को छोड़ कर ज्यादातर पत्र गायब हैं. इसके साथ ही उनके कई अन्य अभिलेख व सामान भी जेल प्रशासन द्वारा उनके बार-बार अनुरोध के बाद उन्हें नहीं सौंपे गए हैं तथा गायब कर दिए गए दिखते हैं.
अमिताभ ने कहा कि उनके बार-बार अनुरोध के बाद भी ये सामान उन्हें वापस नहीं किये गए तथा उन्होंने इन कार्यों को जानबूझ कर उन्हें प्रताड़ित करने तथा क्षति पहुंचाने के लिए किया गया काम बताते हुए समुचित धाराओं में एफआईआर की मांग की है