जुबिली न्यूज डेस्क
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश की दोबारा कमान संभाले आज एक महीना पूरा हो गया। इस एक महीने में सीएम योगी कई अहम फैसले लिए जिसकी खूब चर्चा हुई।
पिछले तीस दिनों में योगी सरकार ने कई ऐसे फैसले लिए जो एक मुख्यमंत्री और नेता के तौर पर आदित्यनाथ की अलग पहचान बनाते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पिछले महीने 25 तारीख को जब सूबे का कार्यभार ग्रहण करने के बाद अपने पहली कैबिनेट मीटिंग में ही मुफ्त राशन योजना को तीन आगे बढ़ाकर वाहवाही लूट ली। तो चलिए जानते हैं योगी सरकार के तीस दिन कौन से वो अहम फैसले किए जो चर्चा में रहे।
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योगी सरकार 2.0 की पहली कैबिनेट में मुफ्त राशन योजना को तीन महीने बढ़ाकर पहला बड़ा फैसला लिया। इस योजना का लाभ प्रदेश के 15 करोड़ लोगों को मिल रहा है। योगी सरकार के दूसरे बड़े फैसलों में दो साल के भीतर 10 लाख करोड़ रुपए के निवेश लक्ष्य, ग्लोबल इन्वेस्टर समिट, 100 दिन में तीसरी ग्राउंड ब्रेंकिंग सेरेमनी शामिल है। दरअसल योगी सरकार औद्योगिक निवेश की बढ़ावा देने के लिए बड़ी छलांग लगाने की तैयारी में है।
इसके अलावा योगी सरकार सभी तहसीलों में फायर टेंडर की सुविधा उपलब्धता कराने के लिए तेजी से कार्य कर रही है। ग्रामीण क्षेत्र में अधिकतम 15 मिनट और शहरी क्षेत्र में अधिकतम 7 मिनट का रिस्पांस टाइम सुनिश्चित करने के निर्देश।
योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भी अवैध सम्पत्ति ध्वस्त करने का सिलसिला जारी है। पछले 20 दिनों में 100 से अधिक अपराधियों और माफियाओं की 200 करोड़ से अधिक की अवैध संपत्ति ध्वस्त या जब्त की गई है, जिसमें 25 माफिया डीजीपी ऑफिस और 8 शासन की तरफ से चिन्हित किए गए थे।
इसके अलावा योगी सरकार के तीस दिन के कार्यकाल में कई अधिकारी भी नप गए। भ्रष्टाचार, लापरवाही और जनता से जुड़ी समस्याओं में अनदेखी करने के मामले में डीएम औरैया सुनील वर्मा, जिलाधिकारी सोनभद्र, असिस्टेंट कमिश्नर( प्रभारी) वाणिज्य कर सचल दल, इकाई बस्ती आशुतोष मिश्रा और एसएसपी गाजियाबाद को सस्पेंड कर दिया गया तो वहीं पेपर लीक होने के आरोप में बलिया के ष्ठढ्ढह्रस् को सस्पेंड व अरेस्ट किया गया।
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भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए सरकार ने कई आईएएस अधिकारियों के तबादले तो कई अधिकारियों को प्रतीक्षा सूची में भी डाला।