जुबिली न्यूज डेस्क
दुनिया में रक्षा पर होने वाला खर्च पहली बार 20 खरब डॉलर यानी 765 खरब रुपये से भी अधिक पार कर गया है।
साल 2021 में दुनिया भर के देशों ने हथियारों व अन्य सुरक्षा उपकरणों पर इतना अधिक धन खर्च किया जितना इससे पहले कभी नहीं हुआ था।
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिप्री) के अनुसार रक्षा खर्च के सारे रिकॉर्ड साल 2021 में टूट गए हैं।
मुद्रास्फीति के आधार पर बदलाव के बाद सामने आए डेटा बताते हैं कि 2021 में दुनिया में रक्षा पर खर्च में 0.7 फीसदी की वृद्धि हुई और यह 21.13 खरब डॉलर पर पहुंच गया।
इसका मतलब यह भी है कि कोरोना महामारी के दोनों सालों, 2020 व 2021 में रक्षा खर्च में बढ़ोतरी हुई।
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लेकिन कई देशों के कुल खर्च के अनुपात में रक्षा खर्च बढऩे के बजाय थोड़ा सा (0.1 फीसदी) घटा है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पश्चिमी देशों ने अपने यहां कोरोना महामारी के दौरान विकास मद में राहत के नाम पर अधिक खर्च किया। इसलिए अनुपातिक रूप से रक्षा पर खर्च कम हो गया।
वहीं इस वजह से साल 2021 में रक्षा मद में वैश्विक अर्थव्यवस्था का 2.2 प्रतिशत खर्च हुआ है।
टॉप 5 में है भारत
जिन 5 देशों ने सैन्य मद में सबसे अधिक खर्च किया, वे हैं अमेरिका, चीन, भारत, ब्रिटेन और रूस। सिप्री के मुताबिक, अमेरिका का रक्षा खर्च पहले की तुलना में गिरा है।
अमेरिका ने सैन्य खर्च पर 801 अरब डॉलर खर्च किए जो उसके कुल जीडीपी का 3.6 प्रतिशत है। यह पहले (3.7 प्रतिशत) की तुलना में कम है।
इसके अलावा शोध और विकास पर होने वाले खर्च में भी कमी हुई है। सिप्री का अनुमान है कि अमेरिका अब भी ‘अगली पीढ़ी की तकनीकों’ का विकास कर रहा है।
वहीं रूस ने अपना सैन्य खर्च में 2.9 प्रतिशत का इजाफा किया है। रूस ने 65.9 अरब डॉलर खर्च किए जो लगातार तीसरे साल हुई वृद्धि थी। वह अपने जीडीपी का 4.1 फीसदी रक्षा पर खर्च कर रहा है।
सिप्री के अनुसार सैन्य खर्च में इस वृद्धि को रूसी तेल की कीमतें बढऩे से भी मदद मिली और यह तब हुआ जबकि उसने यूक्रेन पर हमला किया।
यूरोप बना हथियार आयात का गढ़
वहीं रूस के उलट यूक्रेन के रक्षा बजट में साल 2021 में कमी देखी गई। यूक्रेन ने अपने जीडीपी का 3.2 फीसदी यानी करीब 5.9 अरब डॉलर खर्च किया।
साल 2014 में रूस द्वारा क्रीमिया को अलग कर दिए जाने के बाद से यूक्रेन के रक्षा बजट में 72 फीसदी की वृद्धि हुई है।
एशिया में होड़ तेज
भारत का रक्षा बजट विश्व में तीसरे नंबर पर है। भारत 76.6 अरब डॉलर यानी 58 खरब रुपये से अधिक सैन्य खर्च कर रहा है जो साल 2020 के मुकाबले 0.9 फीसदी अधिक है।
भारत का रक्षा बजट साल 2012 से अब तक 33 फीसदी बढ़ चुका है। भारत में घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने पर खासा जोर दिया जा रहा है। कुल बजट का 64 प्रतिशत घरेलू उद्योगों द्वारा बनाए गए हथियार खरीदने पर खर्चे गए।
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