जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. समाजवादी पार्टी के दो नाराज़ विधायक आपस में मुलाक़ात करने जा रहे हैं. मुलाक़ात होगी जेल में और चर्चा होगी पूरे उत्तर प्रदेश में. कई दिनों तक इन मुलाकातों के निहितार्थ निकाले जाते रहेंगे. जी हां शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के विधायक और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मुखिया शिवपाल सिंह यादव आज़म खां से मुलाक़ात करने सीतापुर जा रहे हैं. आज़म खां सीतापुर जेल में दो साल से बंद हैं और चर्चा है कि इन दोनों सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से नाराज़ भी हैं.
आज़म और शिवपाल की मुलाक़ात के मायने निकाले जाने के पीछे कारण भी हैं. यह कारण तब और भी मज़बूत हो जाते हैं कि दो दिन पहले राष्ट्रीय लोकदल में अध्यक्ष जयंत चौधरी रामपुर में आज़म खां से मुलाक़ात करने गए थे और अब शिवपाल सिंह यादव आज़म खां से मुलाक़ात करने जा रहे हैं.
शिवपाल सिंह यादव को लेकर सियासी गलियारों में पिछले काफी समय से तरह-तरह की कयासबाजी चल रही है. कभी उन्हें बीजेपी में भेजा जा रहा है. कभी राज्यसभा भेजा जा रहा है. कभी विधानसभा उपाध्यक्ष बनवाया जा रहा है.
आज़म खां के मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह यादव से बहुत गहरे सम्बन्ध हैं. आज़म खां पिछले दो साल से सीतापुर जेल में हैं और इतने लम्बे समय में अखिलेश यादव उनसे सिर्फ एक बार मुलाक़ात करने गए हैं. ऐसे में आज़म को इस बात का मलाल तो होना भी चाहिए. आज़म खां के करीबी यह मुद्दा उठाकर आज़म और अखिलेश के बीच दीवार उठाने की कोशिश में लगे ही हैं.
शिवपाल और अखिलेश के बीच पांच साल तल्खियां चली थीं लेकिन मुलायम सिंह यादव के समझाने पर दोनों करीब आये और मिलकर चुनाव लड़ा जिसका समाजवादी पार्टी को फायदा भी हुआ. ढाई गुना सीटें बढ़ गईं लेकिन समाजवादी पार्टी की विधायक दल की बैठक में न बुलाये जाने से शिवपाल नाराज़ हो गए औए चाचा-भतीजे के बीच फिर से दीवार खड़ी हो गई.
चाचा-भतीजे के बीच चल रही खींचतान के बीच शिवपाल का सीतापुर जेल जाकर आज़म खां से मुलाक़ात का फैसला कौन सा गुल खिलाने वाला है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.
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