जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ / मेरठ. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ के रहने वाले पशु तस्कर अकबर बंजारा और उसके भाई सलमान बंजारा की असम में पुलिस हिरासत में मौत हो गई. असम पुलिस ने हालांकि कहा है कि पुलिस उन दोनों को लेकर आ रही थी कि उग्रवादियों ने उनकी गाड़ी पर हमला कर दिया. इस हमले में दोनों भाइयों की मौत हो गई और चार पुलिसकर्मी घायल हो गए. असम पुलिस का कहना है कि सोमवार की रात करीब डेढ़ बजे जब पुलिस इन पशु तस्करों को जोमदुआर क्षेत्र में संकोश नदी के किनारे तस्करी के रास्ते की पहचान के ले जा रही तभी उग्रवादियों ने उनकी गाड़ी पर हमला बोल दिया. हालांकि दबी ज़बान में यह बताया जा रहा है कि बंजारा बंधुओं को विकास दुबे स्टाइल में मारा गया है. अकबर बंजारा की मौत के बाद पुलिस अब उसकी हज़ार करोड़ से ज्यादा की सल्तनत को खंगालने में लगी है.
कसाइयों को पशुओं की आपूर्ति करने के पुश्तैनी कारोबार को पशु तस्करी में बदल देने वाले मेरठ के अकबर बंजारा ने एक हज़ार करोड़ से ज्यादा की सल्तनत खड़ी कर ली. उसके बाप-दादा जिस बिजनेस को मेरठ में जिला स्तर पर किया करते थे उसे अकबर ने अपने जूनून में अंतर्राष्ट्रीय बिजनेस में बदल दिया. पैसा उस पर इस तरह से बरसने लगा कि उसने बेनामी सम्पत्तियां खरीदनी शुरू कर दीं. उसने तमाम सम्पत्तियां अपने रिश्तेदारों के नाम पर खरीदें. पुलिस ने अब उसकी सम्पत्तियों की सूची बनानी शुरू कर दी है. जांच अधिकारियों का अनुमान है कि उसकी सम्पत्ति एक हज़ार करोड़ रुपये से ज्यादा की हो सकती है.
मेरठ के फलावदा के रहने वाले अकबर बंजारा ने व्यवसाय के रूप में अपने पुश्तैनी धंधे को अपनाया. अपने बाप-दादा की तरह से वह भी पशु खरीदकर कसाइयों को सप्लाई करने लगा. उसने अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए घर से बाहर पांव निकाले तो धीरे-धीरे वह उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, मेघालय और असम तक पशु सप्लायर बन गया. उसके पास समय ही नहीं रह गया. उसका नेटवर्क धीरे-धीरे पूरे देश में फैल गया. इसके बाद उसके कदम बंगलादेश तक पहुंच गए. उसने प्रतिबंधित पशुओं की तस्करी भी शुरू कर दी. वह उन्हें मेघालय के रास्ते बंगलादेश भेजने लगा.
अकबर बंजारा की सम्पत्तियों की जांच कर रहे अधिकारियों का कहना है कि पशु तस्करी करते-करते उसके तार आईएसआई से जुड़ गए. आईएसआई उससे पैसे वसूलती है और बदले में उसके कारोबार को संरक्षण देती है. जांच में अब तक अकबर बंजारा की जो सम्पत्तियां सामने आयी हैं उनमें फलावदा में ही उसके पास तीन मकान और नौ बीघा खेती की ज़मीन है. इसके अलावा लिसाड़ी गेट क्षेत्र में तीन मकान और 15 दुकानें हैं. शास्त्री नगर के सेक्टर नौ में अकबर बंजारा की शानदार कोठी है. 20 बीघा ज़मीन महलका गांव में और 18 बीघा ज़मीन नारनौल में है. बहसूमा में 155 बीघे का बाग़ है.
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