शबाहत हुसैन विजेता
लखनऊ. मुलायम सिंह यादव से मुलाक़ात कर दिल्ली से लखनऊ लौटे प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और समाजवादी पार्टी के जसवंतनगर से विधायक शिवपाल सिंह यादव कालीदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाक़ात की. करीब 20 मिनट की इस मुलाक़ात ने सियासी कारीडोर में सवालों की आंधी उड़ा दी है. हर कोई यह जानने को बेचैन है कि आखिर शिवपाल और योगी आदित्यनाथ के बीच कौन सी खिचड़ी पक रही है.
शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव के बीच वर्ष 2017 के चुनाव से ठीक पहले राजनीतिक द्वंद्व शुरू हुआ था. पूरे पांच साल चाचा-भतीजे के बीच सुलह नहीं हो पाई. हालांकि सार्वजनिक रूप से अखिलेश यादव ने अपने चाचा के खिलाफ एक शब्द नहीं बोला और शिवपाल ने भी चाचा होने की मर्यादा बनाए रखी. हालांकि इस बीच उन्होंने अपनी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन कर लिया.
2022 के चुनाव से पहले मुलायम सिंह यादव की पहल पर एक बार फिर चाचा-भतीजे करीब आये. अखिलेश यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी से गठबंधन के बजाय शिवपाल सिंह यादव को जसवन्तनगर से टिकट दिया. शिवपाल सिंह यादव ने भी पूरे मन से चुनाव में अखिलेश यादव का साथ दिया. शिवपाल और अखिलेश की जोड़ी ने समाजवादी पार्टी को 47 सीटों से बढ़ाकर 111 की संख्या तक पहुंचा दिया.
विधानसभा में ढाई गुना ताकत बढ़ने के बाद अखिलेश यादव का विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनना तय हो गया तो समाजवादी पार्टी की नेता चयन को लेकर होने वाली बैठक में शिवपाल सिंह यादव को आमंत्रित नहीं किया गया. इस निर्णय ने शिवपाल और अखिलेश के बीच फिर से दीवार उठा दी. शिवपाल ने समाजवादी पार्टी की बैठक वाले दिन ही इटावा जाने का फैसला किया. उन्होंने इटावा में अपना दर्द जताते हुए कहा कि मैं समाजवादी पार्टी का विधायक हूँ. मैं दो दिन तक बैठक में बुलाये जाने का इंतज़ार करता रहा लेकिन मुझे नहीं बुलाया गया.
शिवपाल की बात का जवाब देते हुए समाजवादी पार्टी ने जवाब दिया कि सहयोगी दलों को 29 मार्च को बुलाया जायेगा. शिवपाल को 29 मार्च को बुलाया भी गया लेकिन उस दिन वह बैठक छोड़कर दिल्ली चले गए. वहां उन्होंने मुलायम सिंह यादव को सारी बातों से अवगत कराया.
मुलायम से मिलकर लखनऊ लौटे शिवपाल सिंह यादव ने विधानसभा पहुंचकर विधायक पद की शपथ ली. शपथ लेने के फ़ौरन बाद वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाक़ात करने उनके घर पहुँच गए. 20 मिनट की इस मुलाक़ात ने समाजवादी पार्टी में तूफ़ान उठा दिया. इस तूफ़ान की असल वजह यह है कि शिवपाल सिंह यादव ने इटावा में कहा था कि बहुत जल्द अपने नये कदम का एलान करुंगा.
शिवपाल सिंह यादव की मुख्यमंत्री से मुलाक़ात को लेकर यह कयास शुरू हो गए हैं कि क्या शिवपाल सिंह यादव मुलायम सिंह यादव से बीजेपी में शामिल होने की अनुमति मांगने गए थे. मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव कुछ दिन पहले ही समाजवादी पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम चुकी हैं. अपर्णा के जाने या रुकने से समाजवादी पार्टी पर कोई फर्क नहीं पड़ना था लेकिन शिवपाल सिंह यादव के तो हर कदम के मायने हैं. शिवपाल ने हालांकि इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहा है. मुख्यमंत्री से मुलाक़ात को भी शिष्टाचार भेंट ही बताया है.
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