जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। हाल ही में हुए स्पेनिश पैरा बैडमिंटन इंटरनेशनल के लेवल व व लेवल टू टूर्नामेंट्स में भारतीय पैरा शटलरों ने 16 स्वर्ण, 13 रजत व 25 कांस्य पदक सहित 54 पदक जीतकर परचम लहराया। इन पदक विजेताओं को वापसी के बाद एजेस फेडरल लाइफ इंश्योरेंस ‘क्वेस्ट फॉर फियरलेस शटलर्स’ पहल के अंतर्गत सम्मानित किया गया।
इस पहल के बाद भारतीय पैरा बैडमिंटन टीम के मुख्य कोच द्रोणाचार्य अवार्डी गौरव खन्ना ने भविष्य की योजनाओं का खुलासा किया कि अब वो 2024 के पैरालंपिक गेम्स में कम से कम 10 पदक जीतने का लक्ष्य लेकर कड़े प्रशिक्षण की योजना पर काम कर रहे है।
उन्होंने कहा कि टोक्यो पैरालंपिक में भारतीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ियों ने पहली बार शामिल पैरा बैडमिंटन में दो स्वर्ण, एक रजत व एक कांस्य पदक जीते थे। इसके बाद सब कुछ बदल गया ओर हमसे देश की उम्मीद बढ़ गयी है जिसको पूरा करने के लिए हमने समग्र योजना तैयार की है।
द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता गौरव खन्ना ने शटलरों की वर्तमान फसल को ढालने के लिए देश की पहली पैरा-बैडमिंटन अकादमी शुरू की थी। एजेस फेडरल लाइफ इंश्योरेंस के सहयोग से, उन्होंने 2024 से 2036 पैरालंपि के लिए खिलाड़ियों को खोजने और प्रशिक्षित करने के लिए क्वेस्ट फॉर फियरलेस शटलर्स की पहल को भी गति दी थी।
इस अवसर पर टोक्यो पैरालंपिक के कांस्य पदक विजेता मनोज सरकार सहित अबू हुबैदा, प्रेम कुमार अली, चिराग बरेथा, नित्या सेरे, नीलेश गायकवाड़, हार्दिक मक्कड़ और मनदीप कौर सहित सात विशेष रूप से विकलांग खिलाड़ियों को भी सम्मानित किया गया।
इस दौरान मनोज सरकार ने अपनी यादें ताजा करते हुए कहा कि जब मैंने टोक्यो में पदक जीता तो मैं केवल उस दिन के बारे में सोच सकता था जब मेरी माँ ने मुझे बैडमिंटन रैकेट खरीदने के लिए 10 रुपये दिए थे जिससे मैने एक रैकेट खरीदा था, उसी के बाद से मेरी बैडमिंटन में रूचि जगी थी। इस दौरान एजेस फेडरल लाइफ इंश्योरेंस के मुख्य मार्केटिंग अधिकारी कार्तिक रमन भी मौजूद थे।