जुबिली न्यूज डेस्क
अक्सर अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहने वाले जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल व मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के रिश्वत की पेशकश वाले आरोपों की अब सीबीआई जांच होगी।
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने खुद पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई से इस मामले की जांच कराने की सिफारिश की है।
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मालूम हो कि राज्यपाल मलिक ने आरोप लगाया था कि जब वह जम्मू कश्मीर के राज्यपाल थे तब संघ और बड़े औद्योगिक घराने की फाइलें क्लियर करने के बदले में उनको 300 करोड़ रुपये का ऑफर दिया गया था।
हालांकि, उन्होंने पैसे लेने से इनकार किया और डीलों को रद्द कर दिया था।
क्या कहा था सत्यपाल मलिक ने?
सत्यपाल मलिक ने आरोप लगाते हुए कहा था कि जब वे जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल बने थे तब उनके पास दो फाइलें आई थीं। एक फाइल में अंबानी शामिल थे जबकि दूसरी फाइल में आरएसएस के एक बड़े अफसर और महबूबा सरकार में मंत्री से जुड़ी थी। ये नेता खुद को पीएम मोदी के करीबी बताते थे।
मलिक ने कहा था कि जिन विभागों की ये फाइलें थीं, उनके सचिवों ने उन्हें बताया था कि इन फाइलों में घपला है और सचिवों ने उन्हें यह भी बताया कि इन दोनों फाइलों में उन्हें 150-150 करोड़ रुपये मिल सकते हैं, लेकिन, उन्होंने इन दोनों फाइलों से जुड़ी डील को रद्द कर दिया था।
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उन्होंने कहा था कि मैं दोनों फाइलों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने गया। मैंने उन्हें बताया कि इस फाइल में घपला है, ये-ये लोग इसमें इनवॉल्व हैं। ये आपका नाम लेते हैं, आप बताएं कि मुझे क्या करना है। मैंने उनसे कहा कि फाइलों को पास नहीं करूंगा, अगर करवाना है तो मैं पद छोड़ देता हूं, दूसरे से करवा लीजिए।
उन्होंने आगे कहा था, मैं प्रधानमंत्री की तारीफ करूंगा, उन्होंने मुझसे कहा कि सत्यपाल करप्शन पर कोई समझौता नहीं करने की जरूरत नहीं है।