जुबिली न्यूज डेस्क
पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार पर हाहाकार मचा हुआ है। हार पर जारी मंथन में कोई बदलाव तो नहीं दिख रहा अलबत्ता सिर फुटव्वल जरूर चल रही है।
रविवार को कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक में चरणजीत सिंह चन्नी को एसेट बताते हुए हार का ठीकरा नवजोत सिंह सिद्धू एवं अन्य नेताओं पर फोड़ा गया।
वहीं इस पर रिएक्शन देते हुए पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने पार्टी की नेता अंबिका सोनी पर इशारों में हमला बोला है।
चन्नी को एसेट बताने वाले बयान से जुड़ी खबर को शेयर करते हुए सुनील जाखड़ ने ट्वीट किया, ‘एक एसेट- क्या आप मजाक कर रहे हैं? भगवान का शुक्र है कि उन्हें उस महिला की ओर से राष्ट्रीय कोष नहीं घोषित किया गया, जिसने उन्हें सीएम के तौर पर पेश किया था।’
बिना नाम लिए अंबिका सोनी पर बोला हमला
सुनील जाखड़ ने आगे लिखा कि चरणजीत सिंह चन्नी उस महिला के लिए एक एसेट हो सकते हैं, लेकिन पार्टी के लिए तो वह सिर्फ एक बोझ हैं। राज्य की टॉप लीडरशिप नहीं बल्कि उनकी लीडरशिप ने ही गिराने का काम किया है और इसके चलते पार्टी में गिरावट आ गई।
हालांकि बाद में जाखड़ ने सफाई देते हुए कहा कि मेरे ट्वीट का अर्थ किसी एक व्यक्ति पर हमला बोलना नहीं है। मैं इस बात से निराश हुआ हूं कि किस तरह से मनोरोगियों जैसी बात कांग्रेस वर्किंग कमिटी की मीटिंग में हुई।
रिपोर्ट बताती है कि बीते तीस सालों से राज्यसभा में बैठे कुछ नेता हाईकमान के सामने खुद को पंजाब की आवाज के तौर पर पेश किया।
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सुनील जाखड़ ने कहा, ‘कांग्रेस कार्यकर्ता ऐसे किसी नेता को चाहते हैं, जिस पर वह विश्वास कर सकें। पंजाब की एक नेता ने कांग्रेस वर्किंग कमिटी में खुद को राष्ट्रीय धरोहर बताने का प्रयास किया। वह खुद को धरोहर बता सकते हैं, लेकिन कांग्रेस के लिए नहीं। अगले पांच साल पंजाब एवं कांग्रेस के लिए चुनौतीपूर्ण होंगे।’
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इन्हीं लोगों ने मुख्यमंत्री पद के लिए सिफारिशें दी थीं, जबकि अब राहुल गांधी पर इस फैसले की जिम्मेदारी डाली जा रही है।
पंजाब के लोग बदलाव चाहते हैं, लेकिन जिस शख्स को बदलाव करते हुए लाया गया, उससे हालत और बिगड़ गई।
सुनील जाखड़ ने कहा कि दवा तो बीमारी से भी ज्यादा घातक थी। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष की ओर से भले ही अंबिका सोनी का नाम नहीं लिया गया है, लेकिन साफतौर पर उन्हें ही निशाने पर लिया है।