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छत्तीसगढ़ में भी लागू होगी पुरानी पेंशन स्कीम

जुबिली न्यूज डेस्क

अशोक गहलोत सरकार द्वारा राजस्थान में पुरानी पेंशन स्कीम लागू किए जाने के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी सरकारी कर्मचारी को पुरानी पेंशन स्कीम की सौगात दी गई।

बुधवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में इसकी घोषणा की। बघेल की घोषणा के बाद छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन लागू होने से एक जनवरी 2004 के बाद नियुक्त 3 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों को इसका फायदा मिलेगा।

मालूम हो कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान डिफेंस फोर्सेज को छोड़कर एक अप्रैल 2004 से पुरानी पेंशन स्कीम की जगह नई पेंशन स्कीम को लागू करने का ऐलान किया था।

1 अप्रैल के बाद से सरकारी नौकरी ज्वाइन करने वालों को अपने वेतन से न्यू पेंशन स्कीम में पेंशन के लिए योगदान देना जरूरी कर दिया गया था।

हालंाकि केंद्र सरकार ने नई पेंशन योजना लागू की थी, लेकिन इसे राज्यों के लिए अनिवार्य नहीं किया था। अधिकांश राज्यों ने इसे अपना लिया, लेकिन थोड़े समय बाद ही राज्य के कर्मचारी संगठनों ने नई पेंशन योजना का विरोध शुरू कर दिया और पुरानी पेंशन स्कीम शुरू करने की मांग होने लगी।

राज्य  सरकार पर नहीं पड़ेगा वित्तीय भार

जानकारों का कहना है कि पुरानी पेंशन योजना लागू होने से आने वाले एक दशक तक सरकार पर वित्तीय बोझ नहीं आने पड़ेगा। उल्टे 1680 करोड़ रुपये सालाना की बचत होगी।

यह वह रकम है, जिसे राज्य शासन अंशदायी पेंशन यानी नई पेंशन स्कीम में अपने पास से देती है। नई पेंशन स्कीम 2004 से लागू हुई है। उसके बाद भर्ती हुए सरकारी कर्मचारियों की संख्या तीन लाख से ऊपर बताई जा रही है।

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दरअसल ये सभी कर्मचारी 2030-32 के बाद ही रिटायर होंगे और तब सरकार पर उनके देयकों का बोझ बढ़ेगा। छत्तीसगढ़ के कर्मचारी संगठन जोर-शोर से पुरानी पेंशन योजना फिर से शुरू करने की मांग कर रहे हैं।

OPS (ओल्ड पेंशन स्कीम) और NPS (न्यू पेंशन स्कीम) में अंतर 

– ओल्ड पेंशन स्कीम में पेंशन के लिए वेतन से कोई कटौती नहीं होती है, जबकि न्यू पेंशन स्कीम में कर्मचारी के वेतन से 10% (बेसिक+DA) की कटौती की जाती है।

– पुरानी पेंशन योजना में जीपीएफ जनरल प्रोविडेंट फंड की सुविधा है, जबकि न्यू पेंशन स्कीम में जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) की सुविधा को नहीं जोड़ा गया है।

– पुरानी पेंशन योजना एक सुरक्षित पेंशन योजना है। इसका भुगतान सरकार की ट्रेजरी के जरिए किया जाता है, जबकि नई पेंशन योजना शेयर बाजार आधारित है। बाजार की चाल के आधार पर ही भुगतान होता है।

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– पुरानी पेंशन योजना में रिटायरमेंट के समय अंतिम बेसिक सैलरी के 50 फीसदी तक निश्चित पेंशन मिलती है। न्यू पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट (सेवानिवृत्ति) के समय निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है।

– पुरानी पेंशन योजना में रिटायरमेंट के बाद 20 लाख रुपये तक ग्रेच्युटी मिलती है। न्यू पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट (सेवानिवृत्ति) के समय ग्रेच्युटी का अस्थाई प्रावधान है।

– पुरानी पेंशन योजना में 6 माह बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) लागू होता है। न्यू पेंशन स्कीम में 6 माह बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता लागू नहीं होता।

– पुरानी पेंशन योजना में सेवानिवृत्ति पर GPF के ब्याज पर किसी प्रकार का इनकम टैक्स नहीं लगता है। न्यू पेंशन स्कीम में सेवानिवृत्ति (रिटायरमेंट) पर शेयर बाजार के आधार पर जो पैसा मिलेगा उस पर टैक्स देना पड़ेगा।

– पुरानी पेंशन स्कीम में नौकरी के दौरान मौत होने पर फैमिली पेंशन का प्रावधान है। न्यू पेंशन स्कीम में सर्विस के दौरान मृत्यु पर फैमिली पेंशन मिलती है, लेकिन योजना में जमा पैसे सरकार की हो जाती है।

– पुरानी पेंशन योजना में रिटायरमेंट (सेवानिवृत्ति) के समय पेंशन प्राप्त करने GPF से कोई निवेश नहीं करना पड़ता है। न्यू पेंशन स्कीम में सेवानिवृत्ति पर पेंशन पाने न्यू पेंशन स्कीम फंड से 40 फीसदी रकम निवेश करना होता है।

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