जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव अपने आख़री चरण की तरफ बढ़ चला है. दो दिन बाद प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो जायेगी. सभी राजनीतिक दल अपनी पूरी ताकत झोंके हुए है. प्रतिष्ठा से जुड़ी लड़ाई जब सबसे अहम मुकाम पर खड़ी है तब बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक रविवार को आज़मगढ़ में हो रही समाजवादी पार्टी के मंच पर नज़र आये. अखिलेश यादव ने मयंक का एक हाथ उठाकर उनका समाजवादी पार्टी में स्वागत किया. अखिलेश ने कहा कि मयंक के आने से समाजवादी पार्टी और भी मज़बूत होगी.
रीता बहुगुणा जोशी ने बीजेपी से अपने बेटे मयंक जोशी के लिए लखनऊ कैंट का टिकट माँगा था. रीता बहुगुणा ने यहाँ तक कहा कि अगर पार्टी एक परिवार में एक ही व्यक्ति को टिकट देने की पक्षधर है तो वह खुद संसद से इस्तीफ़ा देने के लिए तैयाए हैं.
रीता बहुगुणा जोशी की अपील को बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने सीरियसली नहीं लिया तो मयंक जोशी ने समाजवादी पार्टी ज्वाइन करने का फैसला किया. रीता बहुगुणा ने अपने बेटे के लिए लखनऊ कैंट सीट से टिकट माँगा था. वह खुद उस सीट से विधायक रही हैं. इस कैंट सीट से ही मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव भी टिकट मांग रही थीं. उन्हें टिकट नहीं मिला तो वह समाजवादी पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गई थीं. ठीक उसी तरह से मयंक जोशी ने बीजेपी का दामन छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया.
समाजवादी पार्टी से बीजेपी में जाने के बावजूद बीजेपी ने अपर्णा को टिकट नहीं दिया. मयंक ने बीजेपी में रहते हुए टिकट माँगा लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया. बीजेपी ने इस सीट से प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक को टिकट दिया है. बृजेश पाठक 2017 से लखनऊ मध्य से चुनाव जीते थे लेकिन उनका क्षेत्र बदलकर उन्हें लखनऊ कैंट का उम्मीदवार बना दिया गया.
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