जुबिली न्यूज डेस्क
पंजाब में विधानसभा चुनाव हो रहा है। इसके मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14, 16 और 17 फरवरी को पंजाब में चुनावी रैलियों को संबोधित करने वाले हैं, लेकिन खबर है कि मोदी की रैली का प्रदर्शनकारी किसान बहिष्कार करेंगे।
पीएम मोदी 14 फरवरी को जालंधर में, 16 फरवरी को पठानकोट में और 17 फरवरी को अबोहर में जनसभा को संबोधित करेंगे।
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जहां भाजपा कार्यकर्ता और नेता मोदी की रैली को लेकर उत्साह से भरे हुए हैं तो वहीं किसानों ने उनकी यात्रा का बहिष्कार करने की योजना बनाई है।
वहीं कांग्रेस नेताओं ने मोदी की पंजाब दौरे पर तंज भी कसा है। कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने शुक्रवार को कहा था कि प्रधानमंत्री को हेलीकॉप्टर या विमान से पंजाब का दौरा करना चाहिए, क्योंकि अगर वह प्रदेश में सड़क मार्ग से यात्रा करने का विकल्प चुनते हैं तो उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्य के लोग यह नहीं भूले हैं कि उन्होंने एक साल से अधिक समय सड़कों पर बिताया।
‘एक साल तक पंजाबी को सड़क पर खड़ा रखा’
कांग्रेस सांसद बिट्टू ने कहा, “उनका स्वागत है। हमने लोगों से कहा है कि पीएम की बात सुनें। उन्हें हवाई मार्ग से आना चाहिए। उन्हें अभी भी सड़क मार्ग से समस्या हो सकती है, क्योंकि उन्होंने एक साल से अधिक समय से हर पंजाबी को सड़क पर रखा है। वे कैसे भूलेंगे? विरोध के दौरान 700 से अधिक किसानों की मौत हो गई।”
फ्लाईओवर पर 15-20 मिनट तक फंसे रहे थे मोदी
पिछले महीने प्रधानमंत्री मोदी के पंजाब के फिरोजपुर जाते समय कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम कर दिया था। इसके कारण पीएम एक फ्लाईओवर के ऊपर 15-20 मिनट तक फंसे रहे।
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गृह मंत्रालय ने सुरक्षा चूक की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय के रिटायर्ड जस्टिस इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता में 12 जनवरी को समिति गठित की और इसे प्रधानमंत्री की सुरक्षा में बड़ी चूक करार दिया।
केंद्र और पंजाब सरकार की अलग-अलग जांच
सुरक्षा चूक के बाद केंद्र और पंजाब सरकार ने अलग-अलग जांच शुरू की। पंजाब ने रिटायर्ड जस्टिस मेहताब सिंह गिल और गृह सचिव अनुराग वर्मा की कमेटी बनाई, जबकि केंद्र ने इंटेलिजेंस ब्यूरो और एसपीजी अधिकारियों के साथ सुरक्षा सचिव की अध्यक्षता में जांच समिति भी बनाई। केंद्रीय समिति ने पहले ही जांच शुरू कर दी थी।