जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने शुक्रवार को लखनऊ स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने सेना के शौर्य का इस्तेमाल अपने राजनैतिक स्वार्थों को पूरा करने के लिए किया, लेकिन सैनिकों के हितों की तरफ कभी ध्यान नहीं दिया.
पृथ्वीराज चव्हाण ने नरेन्द्र मोदी सरकार में सेना के लगातार हो रहे अपमान पर श्वेत पत्र “शौर्य के नाम पर वोट सेना के हितों पर चोट” को जारी करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने वन रैंक वन पेंशन के नाम पर सैनिकों के साथ धोखा किया है. इस सरकार ने तो भारतीय सेना की मूलभूत सुविधाओं को भी छीन लिया. पूर्व सैनिकों के पुनर्वास और रोज़गार पर चोट पहुंचाने का काम किया. उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने सेना का मनोबल तोड़ने की साज़िश की है.
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि देश को जब भी ज़रूरत पड़ी है तब सैनिकों ने अपना सर्वोच्च बलिदान देकर देश का सर कभी झुकने नहीं दिया है. जबकि मोदी सरकार ने देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करते हुए सेना के बजट में 60 साल की सबसे बड़ी कटौती कर दी.
उन्होंने बताया कि 13 दिसम्बर 2021 को रक्षा मंत्रालय ने संसद में बताया था कि भारतीय सेना में एक लाख 22 हज़ार 555 पद खाली हैं जिनमें से दस हज़ार सैन्य अधिकारियों के पद हैं लेकिन मोदी सरकार को इसकी भी फ़िक्र नहीं है. वास्तव में यह देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है. पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि वन रैंक वन पेंशन के नाम पर मोदी सरकार ने 30 लाख पूर्व सैनिकों को धोखा दिया. कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2004 से 2012 के बीच पूर्व सैनिकों को तीन बार पेंशन दी लेकिन मोदी सरकार ने सात नवम्बर 2015 को 30 से 40 फ़ीसदी पूर्व सैनिकों की पेंशन छीन ली.
उन्होंने कहा कि सातवें वेतन आयोग में सिविलियन सेवाओं में पे मैट्रिक्स में 40 लेबल हैं जबकि डिफेन्स में सिर्फ 24 पे लेबल हैं. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सेना में शार्ट सर्विस कमीशन के माध्यम से सर्विस करने वाले अधिकारियों को मिलिट्री अस्पताल में आजीवन इलाज की व्यवस्था थी लेकिन मोदी सरकार ने वहां भी मुफ्त इलाज पर प्रतिबन्ध लगा दिया.
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