जुबिली न्यूज डेस्क
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाब नबी आजाद को पद्म भूषण दिए जाने को लेकर कांग्रेस के नेता एक-दूसरे पर ही निशाना साध रहे हैं।
इसकी शुरुआत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश के ट्वीट से हुई।
जयराम ने अपने ट्वीट में गुलाम नबी आजाद पर तंज कसा। उन्होंने पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य के पद्म भूषण को स्वीकार न करने की खबर को शेयर करते हुए ट्विटर पर लिखा कि वे सही कर रहे हैं, क्योंकि वे आजाद रहना चाहते हैं ग़ुलाम नहीं।
Right thing to do. He wants to be Azad not Ghulam. https://t.co/iMWF00S9Ib
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) January 25, 2022
जयराम रमेश के इस ट्वीट का इशारा ग़ुलाम नबी आजाद की ओर था, जिन्हें मोदी सरकार ने पद्म भूषण देने की घोषणा की है।
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दरअसल आजाद को कांग्रेस के उस गुट का सदस्य माना जाता है, जो पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से नाराज है और समय-समय पर अपना विरोध दर्ज कराता रहता है।
अब इसी गुट के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने आजाद को पद्म भूषण दिए जाने की तारीफ की है और उन्हें बधाई दी है।
सिब्बल ने अपने ट्वीट में लिखा- बधाई भाई जान। ये विडंबना है कि जब देश सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान को मान्यता दे रहा है, कांग्रेस को उनकी सेवाओं की जरूरत नहीं।
Ghulam Nabi Azad conferred Padam Bhushan
Congratulations bhaijan
Ironic that the Congress doesn’t need his services when the nation recognises his contributions to public life
— Kapil Sibal (@KapilSibal) January 26, 2022
राज्यसभा सांसद रहे ग़ुलाम नबी आजाद एक समय सदन में विपक्ष के नेता थे, लेकिन पिछले साल कार्यकाल पूरा हो जाने के बाद कांग्रेस ने उन्हें फिर से राज्यसभा नहीं भेजा।
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एक समय में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के करीबी रहे आजाद वर्ष 2020 में उस समय चर्चा में आए, जब कुछ पार्टी नेताओं की चिट्ठी लीक हुई, जिसमें कांग्रेस में नेतृत्व के लिए चुनाव करने की मांग थी।
चिट्ठी लिखने वालों में ग़ुलाम नबी आजाद का भी नाम था। इसके बाद में आजाद खुलकर सामने आए और एक साक्षात्कार में कहा कि अगर कांग्रेस में अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं हुआ तो पार्टी अगले 50 सालों तक विपक्ष में ही रहेगी।
इसके बाद गुलाम नबी आजाद से कांग्रेस का महासचिव पद भी छीन लिया गया।