जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. आबूधाबी में तीन तेल टैंकरों में संदिग्ध ड्रोन हमले से विस्फोट के बाद आग लग गई. इसके अलावा संयुक्त अरब अमीरात के मुख्य हवाई अड्डे के विस्तार पटल पर आग लगने कि घटना सामने आयी है. इन घटनाओं में दो भारतीय नागरिकों और एक पाकिस्तानी नागरिक कि मौत हो गई. इसके अलावा छह लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं.
इस मामले में आबूधाबी पुलिस ने बताया की शुरुआती जांच में दोनों स्थानों पर छोटी-छोटी वस्तुओं के गिरने की बात कही है लेकिन इस मामले कि ज़िम्मेदारी किसी पर नहीं मढी है जबकि यमन के हूती विद्रोहियों ने संयुक्त अरब अमीरात में हुए हमले कि ज़िम्मेदारी ली है.
दरअसल संयुक्त अरब अमीरात साल 2015 कि शुरुआत से ही यमन में संघर्ष कर रहा है. यमन में जिस सरकार को अंतर्राष्ट्रीय समर्थन हासिल था उसे सत्ता से बेदखल करने में सऊदी गठबंधन में यूएई सबसे अहम सदस्य था. यूएई ने इधर यमन में अपनी सेना कम कर दी है लेकिन संघर्ष में वह अभी भी सहभागी है. इसी वजह से बहुत संभव है कि हूतियों ने आबूधाबी और यूएई में ड्रोन हमले के ज़रिये न सिर्फ सनसनी फैला दी बल्कि कई लोगों का खून भी बहा दिया.
संयुक्त अरब अमीरात के लिए यह चुनौती इसलिए भी बड़ी है क्योंकि यह हमला ऐसे समय में किया गया है जबकि दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेइ-इन वहां दौरे पर पहुंचे हुए हैं. मून के साथ संयुक्त अरब अमीरात के प्रधानमन्त्री और दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मक्तूम ने यूएई को साथ से हवा में मार करने वाली माध्यम दूरी की दक्षिण कोरियाई मिसाइलों का 3.5 अरब डालर का समझौता किया है.
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