जुबिली स्पेशल डेस्क
बीते कुछ महीनों से भारतीय क्रिकेट में उठापटक का दौर देखने को मिला है। कोच से लेकर कप्तान तक बदल गया है। आलम तो यह है कि विराट कोहली जैसे दिग्गज ने पहले टी-20 व टेस्ट क्रिकेट की कप्तानी खुद छोड़ी लेकिन वन डे से उनकी कप्तानी बीसीसीआई ने छीन ली।
विराट की कप्तानी में भारतीय टीम तीनों प्रारूपों में शानदार क्रिकेट खेली। इतना ही नहीं विदेशी जमीन पर भारतीय क्रिकेट का डंका बजा लेकिन बीते चार महीनों में बहुत कुछ बदल गया।
इस दौरान बीसीसीआई से उनकी तकरार भी किसी से छुपी नहीं है। कप्तानी को लेकर बीसीसीआई और विराट के बयान में जमीन आसमान का अंतर देखा जा सकता है।विराट कोहली ने पिछले महीने साउथ अफ्रीका रवानगी से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में उस बयान का खंडन कर दिया, जिसमें गांगुली ने कहा था कि उन्होंने 33 वर्षीय कोहली को टी20 नहीं छोडऩे की सलाह दी थी।
विराट ने कहा था, ‘जब मैंने ये फैसला लिया तो बीसीसीआई को जानकारी दी. तब इस फैसले को सही तरीके से लिया गया था, मुझसे किसी ने यह नहीं कहा कि मैं टी20 कप्तान बना रहूं। मैंने यह कहा था कि वनडे और टेस्ट की कप्तानी जारी रखना चाहता हूं।
एक सफलतम कप्तान इस तरीके से कप्तानी से हटने से हर कोई पूरी तरह से हैरान है। हालांकि विराट का बल्ला भी अरसे से खामोशी की चादर ओढ़ा जरूर है लेकिन इस दौरान कई छोटी-छोटी अहम पारियां जरूर खेली है लेकिन कई बड़े टूर्नामेंट में मिली हार ने उनका खेल जरूर बिगाड़ दिया था।
अगर देखा जाये तो विराट ने 16 सितंबर को एक ट्वीट किया था और कहा था कि वो टी-20 कप्तानी छोड़ रहे हैं ताकि टेस्ट और 2023 वर्ल्ड कप पर अपना ध्यान लगाये लेकिन उससे पहले उनका विकेट टेस्ट और वन डे से गिर गया है। उनके उस ट्वीट को कल चार महीने पूरे हो जायेंगे और इस तरह से विराट अब किसी भी फॉर्मेट के कप्तान नहीं रहे।