सैय्यद मोहम्मद अब्बास
साल 2012 में भारतीय क्रिकेट की दीवार कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ ने क्रिकेट को अलविदा कहा था। तब तमाम खेल प्रेमियों के जहन में यही सवाल था कि टेस्ट क्रिकेट में उनके जैसा खिलाड़ी कौन आयेगा।
राहुल का डिफेंस इतना तगड़ा था कि उनका नाम मिस्टर वॉल रख दिया गया था। हालांकि उनके टेस्ट क्रिकेट से सन्यास के बाद भारतीय क्रिकेट में पुजारा को शामिल किया गया।
राहुल द्रविड़ की तरह चेतेश्वर पुजारा को भी टीम इंडिया की नई दीवार कहा जाने लगा लेकिन मजबूत डिफेंस अब पूरी तरह से कमजोर पड़ता नजर आ रही है। ऐसे में कहा जा रहा है कि मौजूदा दक्षिण अफ्रीका सीरीज उनके क्रिकेट करियर की आखिरी सीरीज साबित हो सकती है।
पुजारा की तरह रहाणे की कहानी भी कोई अलग नहीं है । दोनों खिलाड़ियों के लिए दक्षिण अफ्रीका का दौरा बुरा सपना साबित हुआ है। दोनों खिलाड़ियों का मजबूत डिफेंस अब सबसे बड़ी कमजोरी साबित हुआ है।
अनुभवी कोच राहुल द्रविड़ और कप्तान विराट कोहली ने पुजारा और रहाणे पर अपना विश्वास जताये रखा। इसका नतीजा यह रहा कि श्रेयस अय्यर और हनुमा बिहारी को अंतिम 11 से बाहर रखना पड़ा है।
दोनों का चयन अब सवालों के घेरे में है। केपटाउन टेस्ट में जब दोनों से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही थी तब इनका बल्ला पूरी तरह से खामोश रहा है।
केपटाउन टेस्ट में भी नाकाम रहे पुजारा व रहाणे
इसका नतीजा यह रहा कि भारत की दूसरी पारी गुरुवार को पूरी तरह से लडख़ड़ा गई। टीम इंडिया को इस सीरीज में मिडिल ऑर्डर ने पूरी तरह से धोखा दिया है और सबसे ज्यादा सवाल सीनियर खिलाड़ी चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे पर खड़े हो रहे हैं।
द हिन्दू अखबार के डिप्टी एडिटर व वरिष्ठ खेल पत्रकार राकेश राव ने दोनों की फॉर्म को लेकर कहा कि समय आ गया है कि आप दोनों खिलाड़ियों को बाहर का रास्ता दिखाएं। राकेश राव ने कहा कि पुजारा और रहाणे की बल्लेबाजी में पूरी तरह आत्मविश्वास नजर नहीं आ रहा है। उन्होंने जोहानसबर्ग टेस्ट की बात करते हुए कहा कि पुजारा व रहाणे ने भले ही अर्धशतक लगाये हो लेकिन ये काफी नहीं था। राकेश राव ने उन लोगों पर निशाना साधा कि जिन्होंने पुजारा व रहाणे की इस पारी को देखकर कहा कि ‘फॉर्म अस्थायी है लेकिन ‘क्लास’ स्थायी है’। उन्होंने कहा कि दोनों से बड़े शतक की जरूरत थी।
राकेश राव ने जुबिली पोस्ट से खास बातचीत में कहा कि पुजारा और रहाणे दोनों की फॉर्म ऐसी नहीं है कि उन्हें टीम में आगे मौका दिया जाये। उन्होंने कहा कि दोनों बल्लेबाज मध्यक्रम बल्लेबाजी की रीढ़ है। अगर दोनों नाकाम हो गए तो भारतीय टीम को इसका बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
लक्ष्मण से सीखने की जरूरत है
उन्होंने कहा कि दोनों खिलाडिय़ों को कुछ समय के लिए ब्रेक दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि घरेलू क्रिकेट में रन बनाये और फिर वापसी करे। राकेश राव ने आगे बताया कि लक्ष्मण की फॉर्म भी इसी तरह से खराब थी लेकिन उनको ड्रॉप किया गया और लक्ष्मण ने रणजी ट्रॉफी में करीब 1300 से ज्यादा रन बनाये और फिर दोबारा भारतीय टीम में शानदार वापस की।
युवा खिलाड़ियों में सीखने की ललक नहीं
राकेश राव ने बताया कि मौजूदा दौर के क्रिकेटर अपने सीनियर खिलाडिय़ों से बातचीत करने से बचते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर अक्सर इस बात पर जोर देते है कि युवा खिलाड़ी उनसे बात नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी की तकनीक में खराबी है तो उसे सही किया जा सकता है लेकिन उसके लिए युवा खिलाडिय़ों को उनसे बात करने के लिए खुद आना चाहिए।
कौन हो सकता है रहाणे और पुजारा का विकल्प
वरिष्ठ खेल पत्रकार राकेश राव ने बताया कि मौजूदा समय में भारतीय गेंदबाजी के साथ-साथ बल्लेबाजी में भी अच्छा विकल्प मौजूद है। अगर रहाणे और पुजारा के विकल्प की बात की जाये तो श्रेयस अय्यर और हनुमा बिहारी को मौका दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सूर्यकुमार यादव को भी टेस्ट क्रिकेट में अजमाया जा सकता है।
मौजूदा सीरीज में दोनों के प्रदर्शन पर एक नजर
चेतेश्वर पुजारा : 3 मैच, 6 पारी, 124 रन, 20.66 औसत, 1 अर्धशतक (0, 16, 3, 53, 43, 9)
अजिंक्य रहाणे : 3 मैच, 6 पारी, 136 रन, 22.66 औसत, 1 अर्धशतक (48, 20, 0, 58, 9, 1)