जुबिली स्पेशल डेस्क
यूपी की सियासत में मंगलवार को बड़ी हलचल हुई है। योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। मौर्य ने अपना इस्तीफा राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को भेज दिया है। इसके साथ ही उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का साथ छोड़कर समाजवादी पार्टी (सपा) ज्वॉइन कर लिया है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को भेजे गए अपने इस्तीफे में कहा है, ‘श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों व विचारधारा में रहकर भी बहुत ही मनोयोग के साथ उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है किंतु दलितों, पिछड़ों, किसानों बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे- लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल से मैं इस्तीफा देता हूं।’
दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे-लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देता हूं। pic.twitter.com/ubw4oKMK7t
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) January 11, 2022
अखिलेश यादव ने तस्वीर शेयर की
स्वामी प्रसाद मौर्य के कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उनके साथ एक तस्वीर शेयर की और लिखा- ‘सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्या जी एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन!’
सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्या जी एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन!
सामाजिक न्याय का इंक़लाब होगा ~ बाइस में बदलाव होगा#बाइसमेंबाइसिकल pic.twitter.com/BPvSK3GEDQ
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 11, 2022
सियासी गलियारों में पिछले कई दिनों से चर्चा चल रही थी स्वामी प्रसाद मौर्य, भाजपा का दामन छोड़कर अखिलेश यादव की साईकिल पर सवार हो सकते हैं। ऐसा भी कहा जा रहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के ज्वॉइनिंग मामले को सीधे अखिलेश यादव देख रहे हैं और बातें उनके स्तर पर ही हो रही है। मौर्य के इस्तीफे को भाजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
2017 के चुनाव में भाजपा को सत्ता में पहुंचाने का श्रेय पिछड़ी जातियों को जाता है और इस बार अखिलेश यादव हर हाल में पिछड़ी जातियों को अपने तरफ मोडऩे में लगे हैं।
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यही कारण है कि वह छोटे-छोटे दलों से गठबंधन के अलावा उन्होंने पिछड़े नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कराने का अभियान छेड़ रखा है। स्वामी प्रसाद मौर्य इस अभियान का हिस्सा हैं।
दो और मंत्री दे सकते हैं इस्तीफा
स्वामी प्रसाद मौर्य के अलावा मंत्री धर्म सिंह सैनी और दारा सिंह चौहान के भी इस्तीफे की अटकलें तेज हैं। सैनी और चौहान दोनों उनके खेमे के माने जाते हैं।