जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। कोरोना की तीसरी लहर के खतरे के बीच आखिरकार पांच देश के पांच राज्यों में चुनावी तारीखों का एलान शनिवार को चुनाव आयोग ने कर दिया है। कोरोना काल में चुनाव कराना किसी चुनौती से कम नहीं होगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चुनाव की तारीखों का एलान किया है। इसके साथ ही ये सवाल भी उठ रहा है कि जो लोग कोरोना से संक्रमित वो कैसे अपने मताधिकार का प्रयोग कैसे करेंगे।
इसको लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा है कि कोविड पॉजिटिव लोगों के लिए बैलट पेपर वोटिंग की सहूलियत होगी. यानी संक्रमित मरीज़ बैलेट पेपर के ज़रिए अपना वोट डाल पाएंगे। इतना ही नहीं चुनाव आयोग ने कोविड मरीज़ों के साथ-साथ 80 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों को भी पोस्टल बैलेट के ज़रिए मतदान की सुविधा देने की बात कही है।
चुनाव आयोग ने ये भी कहा है कि चुनाव के काम में लगे सभी अधिकारी और कर्मचारी को फ्रंटलवाइन वर्क माना जाएगा। ऐसे में चुनाव आयोग के सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को कोरोना वायरस की प्रीकॉशनरी डोज़ यानी बूस्टर डोज़ लगाई जाएगी।
कोरोन काल में सुरक्षित तरीके से चुनाव कराने चुनाव आयोग हर संभव कदम उठा रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने प्रेस वार्ता के दौरान एक शेर भी पढ़े है और कहा है कि यकीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट लेकर चिराग जलता है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि इस बार के विधानसभा चुनाव में पांच राज्यों में 18 करोड़ 34 34 लाख मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। पांच राज्यों की कुल 690 सीटों के लिए चुनाव होने जा रहा है जिसमें से 403 विधानसभा सीटें सिर्फ उत्तर प्रदेश की हैं।
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में 24 लाख 90 हज़ार मतदाता पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि चुनाव पूरी तरह से कोरोना गाइडलाइंस के मुताबिक़ ही होंगे।