जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और राज्यसभा सांसद आज़म खां को रामपुर में दर्ज एक दर्जन आपराधिक मामलों में ज़मानत मिल चुकी है लेकिन उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर ज़मानत को रद्द कराने के लिए अपील की है. हाईकोर्ट में राज्य सरकार की अपील पर दो फरवरी को सुनवाई होनी है. हाईकोर्ट अगर राज्य सरकार की अपील को मानकर आज़म खां की ज़मानत रद्द कर देती है तो यह आज़म खां और समाजवादी पार्टी दोनों के लिए एक बड़ा झटका होगा और आज़म खां विधानसभा चुनाव से पहले जेल से बाहर नहीं आ पायेंगे.
आज़म खां पर रामपुर में मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट के ज़रिये अवैध रूप से ज़मीन खरीदने जैसे दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज किये गए हैं. इनमें से करीब एक दर्जन मामलों में आज़म खां को अदालत से ज़मानत मिल चुकी है. सरकार ने इसी ज़मानत को रद्द कराने के लिए अपील की है.
आज़म खां पिछले काफी समय से उत्तर प्रदेश की सीतापुर जेल में बंद हैं. उनके खिलाफ ज़्यादातर मामले रामपुर में ही दर्ज हैं. कई मामलों में उनकी पत्नी तन्जीन फातिमा और उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म को भी आरोपित बनाया गया है.
उत्तर प्रदेश सरकार की यही कोशिश है कि विधानसभा चुनाव के दौरान आज़म खां जेल से बाहर नहीं निकल पायें. आज़म खां अगर चुनाव के दौरान जेल में रहते हैं तो इसका सबसे ज्यादा नुकसान समाजवादी पार्टी को ही होगा. आज़म खां कि मुसलमानों में काफी पैठ है. उनके जेल में रहने से मुसलमानों को समाजवादी पार्टी से दूर करना आसान हो जाएगा.
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