Monday - 28 October 2024 - 8:37 AM

अखिलेश के दांव से दबाव में आ रही है भाजपा!

जुबिली न्यूज डेस्क

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तिथि भले ही अभी घोषित नहीं हुई है लेकिन चुनावी वादों की बरसात खूब हो रही है। वादे तो सभी पार्टियों के नेता कर रहे हैं लेकिन सत्ता की लड़ाई में भाजपा की मुख्य प्रतिद्वंदी समाजवादी पार्टी के वादों का भाजपा पर खासा असर दिख रहा है।

इस साल के पहले दिन यानी एक जनवरी को समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने ऐलान किया था कि यदि यूपी में उनकी सरकार बनती है तो तीन सौ यूनिट घरेलू बिजली फ्री और सिंचाई बिल माफ होगा। राजनीतिक पंडितों ने अखिलेश के इस ऐलान को बड़ा दांव करार दिया था।

राजनीतिक पंडितों का कहना था कि अखिलेश यादव के इस दांव का वोटरों के साथ-साथ भाजपा पर असर पड़ेगा। और ऐसा हुआ भी। अखिलेश के ऐलान के छठे दिन ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों के बिजली बिल में 50 फीसदी छूट की घोषणा की।

गुरुवार को मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से ट्वीट करके बताया गया है कि किसानों की सुविधा और समृद्धि के लिए सीएम ने प्राइवेट नलकूप के लिए बिजली दरों में वर्तमान दरों के सापेक्ष 50 प्रतिशत छूट देने का निर्णय लिया है। अब ग्रामीण क्षेत्र में मीटर्ड, अनमीटर्ड, एनर्जी एफिशियन्ट पम्प और शहरी क्षेत्रों के मीटर्ड नलकूपों के इस्तेमाल पर बिजली बिल वर्तमान की तुलना में आधी हो जाएंगी।

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वहीं आज यानी शुक्रवार को योगी सरकार के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने ट्वीट कर बिजली दरों में कमी का ऐलान किया है। उन्हाशने कहा है कि शहरी मीटर्ड कनेक्शन में बिजली दर 6 रुपये/ यूनिट से घटकर 3 रुपये/यूनिट व फिक्स चार्ज 130 रुपये/ हॉर्स पावर से घटकर 65 रुपये/हॉर्स पावर होगा। एनर्जी एफिशिएंट पंप में दर 1.65 रुपये/ यूनिट से घटकर 83 पैसे/यूनिट व फिक्स चार्ज 70 रुपये/हॉर्स पावर की जगह 35 रुपये/हॉर्स पावर होगी।

उत्तर प्रदेश में मंहगी बिजली पर हमेशा से सवाल उठता रहा है। भाजपा के सत्ता में आने के बाद से बिजली की दर में बढ़ोत्तरी हुई है। इसको लेकर विपक्षी दलों के साथ आम लोगों ने भी विरोध किया था लेकिन सरकार ने कटौती नहीं की।

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लेकिन चुनाव से पहले बिजली दरों में सरकार द्वारा की गई कटौती से स्पष्ट  है कि योगी सरकार ने यह फैसला दबाव में किया है। फिलहाल यूपी में बिजली बिल अब मुद्दा बन गया है। अखिलेश से पहले आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने यूपी में फ्री बिजली देने का वादा किया था।

केजरीवाल के फ्री बिजली ऐलान पर भाजपा पर कोई खास फर्क नहीं पड़ा था। दरअसल भाजपा को ये भलीभांति एहसास था कि आप के ऐलान का कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि प्रदेश में उनका खास जनाधार नहीं है। लेकिन अखिलेश के ऐलान के बाद भाजपा को ठोस कदम उठाना पड़ा।

इस मामले में वरिष्ठï पत्रकार सुरेन्द्र दुबे कहते हैं, योगी सरकार का यह फैसला बहुत चौकाने वाला नहीं है। अखिलेश यादव के 300 यूनिट घरेलू बिजली फ्री देने के ऐलान के बाद ऐसी उम्मीद थी कि योगी सरकार बिजली को लेकर कोई बड़ा फैसला करेगी।

वह कहते हैं, यूपी की सत्ता की लड़ाई भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच है। भाजपा भलीभांति जानती है कि उसका मुकाबला  सपा से है। इसीलिए वह सपा के हर दांव का काट खोज रही है। आप देखिए रविवार को अखिलेश यादव ने परशुराम के मंदिर का उद्घाटन किया था और आज योगी सरकार के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने परशुराम की मूर्ति का अनावरण कर दिया। जिस तरह से भाजपा कदम उठा रही है उससे तो यही लग रहा है कि वह अखिलेश के दांव से दबाव में आ रही है।

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