जुबिली न्यूज डेस्क
पिछले कुछ दिनों से ‘बुल्ली बाई’ ऐप का मामला सुर्खियों में है। इस मामले में अब तक मुंबई पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
वहीं इस मामले को लेकर जाने-माने फिल्मकार और गीतकार जावेद अख़्तर ने कई ट्वीट किया है।
दरअसल ‘बुल्ली बाई’ ऐप पर मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें अपलोड कर उनकी ऑनलाइन बोली लगाई जा रही थी। एक जनवरी को कई मुस्लिम महिलाओं ने ट्विटर पर ‘बुल्ली बाई’ नाम के ऐप का स्क्रीनशॉट शेयर किया था। तब से यह मामला सुर्खियों में है।
यह भी पढ़ें : राहुल गांधी ने गलवान में तिरंगा झंडा फहराए जाने पर क्या कहा?
यह भी पढ़ें : पुलवामा में सुरक्षाबल और चरमपंथियों के बीच जारी मुठभेड़, 3 चरमपंथी ढेर
यह भी पढ़ें : VIDEO : इस एक्ट्रेस ने Do Ghoont गाने में बोल्डनेस की लगाई ऐसी आग कि…
‘बुल्ली बाई’ ऐप मामले को लेकर आज अपने नए ट्वीट में जावेद अख़्तर ने लिखा है, ”अगर बुल्ली बाई ऐप की मास्टरमाइंड वाकई 18 साल की लड़की है, जिसके माता-पिता की कैंसर और कोरोना से मौत हो गई थी तो उससे लोगों को मिलना चाहिए और बड़ों की तरह समझाना चाहिए कि उसने जो कुछ किया वो ग़लत था। दयाभाव दिखाते हुए माफ कर देना चाहिए।”
वहीं बीते मंगलवार को एक और ट्वीट में जावेद अख़्तर ने लिखा था, ”जब से मैंने महिलाओं की ऑनलाइन बोली लगाने, गोडसे के महिमामंडन और जनसंहार की अपील के खिलाफ आवाज़ उठाई है तब से ही कुछ कट्टरपंथी मेरे स्वतंत्रता सेनानी पूर्वज को गाली दे रहे हैं, जिनकी 1864 में कालापानी में मौत हो गई थी। इन मूर्खों को आप क्या कहेंगे?”
If “ bully bai” was really masterminded by an 18 year old girl who has recently lost her parents to cancer n Corona I think the women or some of them meet her and like kind elders make her understand that why what ever she did was wrong . Show her compassion and forgive her .
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) January 5, 2022
यह भी पढ़ें : RTI से हुआ खुलासा : नाम बदलने में कौन है सबसे आगे-योगी या अखिलेश?
यह भी पढ़ें : चुनावी शोर में क्या है बहनजी की खामोशी का राज?
यह भी पढ़ें : एक मां का दर्द… बेटे की मौत पर भी खुश है लेकिन…
इससे पहले 3 जनवरी को एक और ट्वीट में गीतकार अख़्तर ने कहा था, ”सैकड़ों महिलाओं की ऑनलाइन बोली लग रही है। कथित धर्म संसद में 20 करोड़ भारतीयों के जनसंहार की अपील की जा रही है। ऐसी स्थिति में चुप्पी और खासकर प्रधानमंत्री की खामोशी परेशान करने वाली है। क्या यही सबका साथ है?”