जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भले ही विधान सभा चुनाव का एलान नहीं हुआ हो लेकिन यहां का सियासी पारा लगातार बढ़ता जा रहा है। अखिलेश और योगी लगातार एक दूसरे पर निशान साध रहे हैं।
उधर अरुणाचल प्रदेश के स्थान का नाम चीन द्वारा बदलने जाने की घटना पर टिप्पणी करते हुए सोमवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा था और कहा था कि चीन ने योगी से ही नाम बदलना सीखा है।
अब इस मामले में नया खुलासा देखने को मिल रहा है। दरअसल नाम बदलने पर इन दिनों यूपी की सियासत में घमासान देखने को मिल रहा है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि नाम बदलने में योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव में से कौन सबसे आगे हैं।
सूचना के अधिकार के तहत एक बड़ी जानकारी सामने आई है। इस जानकारी के तहत नाम बदलने के मामले में अखिलेश योगी से कहीं आगे हैं। अगर दोनों की तुलना की जाये तो योगी सरकार ने अपने कार्यकाल में दो शहरों का नाम बदला है तो अखिलेश यादव की जब सरकार थी तब उन्होंने एक नहीं बल्कि 9 जिलों बदला था।
इतना ही नहीं अखिलेश यादव ने 8 जिलों के नाम तो उन्होंने 2012 में एक ही दिन में बदल डाले थे। इंडिया टुडे की ओर से दायर आरटीआई आवेदन के जवाब में इस बात का खुलासा हुआ है।
अखिलेश यादव ने इन जिलों का बदला था नाम
अखिलेश यादव ने 30 जुलाई 2012 को प्रबुद्ध नगर का नाम बदलकर शामली कर दिया था। इसके अलावा भीम नगर को संभल, पंचशील नगर को हापुर, महामाया नगर को हाथरस, ज्योतिबा फुले नगर को अमरोह, कांशीराम नगर को कासगंज छत्रपति साहूजी महराज नगर को अमेठी, रामाबाई नगर को कानपुर देहात को नाम दिया था। इसके बाद 15 जनवरी 2015 को संत रविदास नगर का नाम बदलकर भदोही कर दिया गया था।
योगी ने इन जिलों का बदला नाम
वहीं योगी सरकार की बात की जाये तो अभी तक केवल दो ही शहरों का नाम बदला गया है। योगी सरकार ने 18 अक्टूबर 2018 को इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किया तो 23 नवंबर 2018 को फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या किया गया।