जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. ग्वालियर में शुरू हुए 97 वें अखिल भारतीय तानसेन संगीत समारोह में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तानसेन संगीत अलंकरण की पुरस्कार राशि दो लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने के साथ ही संगीत जगत को लुभाने वाली कई घोषणाएं कीं. केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेन्द्र सिंह तोमर भी इस मौके पर मौजूद रहे.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस समारोह में घोषणा की कि मध्य प्रदेश में में संगीतज्ञ बैजू बावरा के नाम पर भी संगीत समारोह शुरू किया जायेगा. उन्होंने मंच से ही मध्य प्रदेश के संस्कृति विभाग को निर्देश दिया कि अगले साल से बैजू बावरा संगीत अलंकरण समारोह शुरू किया जाए. उल्लेखनीय है कि महँ संगीतज्ञ बैजू बावरा की समाधि मध्य प्रदेश के अशोकनगर स्थित चंदेरी में है.
1542 में जन्मे बैजू बावरा देश के सुप्रसिद्ध ध्रुवपद गायक थे. उन्हों बैजनाथ मिश और बैजनाथ प्रसाद के नाम से भी जाना जाता है. बैजू बावरा ग्वालियर के राजा मानसिंह के दरबारी गायक थे. 71 साल की उम्र में बैजू बावरा का निधन चंदेरी में हुआ था.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस समारोह में प्रतिष्ठित तानसेन संगीत अलंकरण और कालिदास सम्मान की राशि को बढ़ाते हुए पांच-पांच लाख रुपये करने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 में तानसेन समारोह का सौवां साल होगा. इसे भव्य रूप से मनाया जाए और अभी से इसकी तैयारियां शुरू कर दी जाएं.
संगीत सम्राट तानसेन के बारे में कहा जाता है कि जब वह मेघ मल्हार गाते थे तो पानी बरसने लगता था. उनके संगीत में इतना दमखम था कि वह बादशाह अकबर के नौरत्नों में शामिल हुए.
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