जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। भले ही सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर तमाम तरह के दावे करे लेकिन नीति आयोग की रिपोर्ट से पता चलता है कि देश की स्वास्थ्य व्यवस्था कैसी है। इस रिपोर्ट में जो बाते कही गई वो स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलती नजर आ रही है।
नीति आयोग की रिपोर्ट ने बताया है कि सरकार के दावों में कितनी सच्चाई है। आयोग ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के मौके पर शनिवार को गुड गवर्नेंस इंडेक्स (जीअीआइ) 2020-21 जारी किया है।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि स्वास्थ्य सेवाएं के मामले केरल अव्वल है जबकि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्य आखिरी नंबर पर है। नीति आयोग की हेल्थ इंडेक्स में ये जानकारी सामने आई है। इसमें केरल पहले तो यूपी 19वें नंबर पर है।
हेल्थ इंडेक्स पर 74.01 स्कोर के साथ केरल ने बाजी मारी है और देशभर में बड़े राज्यों को पीछे छोड़ते हुए पहला स्थान हासिल किया है। जबकि 28.61 स्कोर के साथ उत्तर प्रदेश सबसे निचले पायदान पर है। बिहार 18वें नंबर पर है।
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अहम बात ये कि वर्ष 2015-16 में हेल्थ इंडेक्स पर यूपी का स्कोर 33.69 था जो 5.08 अंक की गिरावट के साथ 28.61 पर आ गया है। इंडेक्स तैयार करते वक्त साल 2015-16 को आधार वर्ष माना गया है। जबकि 2017-18 को संदर्भ वर्ष माना गया है। इस तरह हेल्थ इंडेक्स पर बिहार का स्कोर भी 2015-16 में 38.46 से घटकर 32.11 पर आ गया है।
2015-16 में हेल्थ इंडेक्स पर उत्तराखंड का स्कोर 40.20 था जो 2017-18 में बढ़कर 45.22 हो गया है। इसी तरह पंजाब, मध्य प्रदेश और दिल्ली का प्रदर्शन भी सुधरने के बजाय खराब हुआ है।