Monday - 28 October 2024 - 12:00 PM

गंगा मिशन के चीफ का दावा-कोरोना की दूसरी लहर के दौरान लाशों से ‘पट’ गई थी गंगा

जुबिली न्यूज डेस्क

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान उत्तर प्रदेश में गंगा नदी में तैरती लाशों के कारण योगी सरकार की काफी आलोचना हुई थी, मगर सरकार इससे बार-बार इनकार करती रही है।

लेकिन एक नई किताब में ये दावा किया गया है कि उत्तर प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान गंगा नदी ‘लाशों को फेंकने की आसान जगह’  बन गई थी।

जिस किताब में ये दावा किया गया है उसके लेखक NMCG के महानिदेशक और नमामि गंगे परियोजना के प्रमुख राजीव रंजन मिश्रा और IDAS अधिकारी पुष्कल उपाध्याय हैं।

कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे देश में तबाही मचाई थी। यूपी में भी कोरोना महामारी की चपेट में आने से हजारों लोगों की मौत हुई थी।

इस दौरान उत्तर प्रदेश में कई वीभत्स दृश्य दिखाई दिये। इस दौरान गंगा नदी में अनगिनत लाशें बहती नजर आई। माना जा रहा था कि ये लाशें कोविड से मरने वालों के हैं जिन्हें इस तरह नदी में बहा दिया है, हालांकि, सरकार इससे बार-बार इनकार करती रही है।

राजीव रंजन मिश्रा 1987 बैच के तेलंगाना-कैडर के आईएएस अधिकारी हैं और दो कार्यकालों के दौरान पांच साल से अधिक समय तक एनएमसीजी में सेवाएं दे चुके हैं। वे 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले हैं।

यह भी पढ़ें : ‘ओमिक्रॉन से अस्पताल में भर्ती की जरूरत 70% तक कम’

यह भी पढ़ें : ओमिक्रॉन से निपटने में नाकामी को लेकर बाइडन ने सफाई में क्या कहा?

यह भी पढ़ें : मांझी ने चला अब नया दांव, ब्राह्मण समाज को दिया भोज का न्योता

यह भी पढ़ें : 1 जनवरी से लग सकता है महंगाई का करंट, कई चीजों के बढ़ेंगे दाम

उनकी किताब ‘गंगा- रीमेजिनिंग, रीजुवेनेटिंग, रीकनेक्टिंग” का विमोचन गुरुवार को प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष विवेक देबरॉय ने किया।

इस किताब में कोरोना महामारी के दौरान गंगा की स्थिति के बारे में जिक्र किया गया है। इसमें कहा गया है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान मरने वालों की संख्या बढऩे के साथ अंतिम संस्कार करने के लिए दायरा बढऩे लगा था। उत्तर प्रदेश और बिहार के श्मशान घाटों पर जलती चिताओं के बीच, गंगा नदी शवों के लिए एक ‘आसान डंपिंग ग्राउंड’ बन गई।

यह भी पढ़ें : ओमिक्रॉन से निपटने में नाकामी को लेकर बाइडन ने सफाई में क्या कहा?

यह भी पढ़ें : अब तो शिवपाल ने भी माना अखिलेश ही है नए नेताजी

यह भी पढ़ें :  क्या कांग्रेस को झटका देने वाले हैं हरीश रावत

इस किताब में कोरोना महामारी के दौरान गंगा की स्थिति के बारे में जिक्र किया गया है। इसमें कहा गया है कि महामारी की दूसरी लहर के दौरान मरने वालों की संख्या बढऩे के साथ अंतिम संस्कार करने के लिए दायरा बढऩे लगा था, यूपी और बिहार के श्मशान घाटों पर जलती चिताओं के बीच, गंगा नदी शवों के लिए एक ‘आसान डंपिंग ग्राउंड; बन गई।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com