जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. कोरिया ने ऐसी तकनीक विकसित कर ली है जिससे सिर्फ 20 मिनट में यह पता चल जायेगा कि व्यक्ति कोरोना के ओमिक्रान वेरिएंट से संक्रमित है या नहीं. कोरिया की यह रिसर्च पूरी हो चुकी है. कोरिया के लोगों को फ़ौरन इसका फायदा मिलने लगेगा लेकिन दुनिया के बाकी देशों तक यह तकनीक पहुँचने में अभी वक्त लगेगा.
केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफ़ेसर ली जंग वुक ने बताया कि हमें ओमिक्रान वेरिएंट का पता लगाने में सिर्फ 20 मिनट का वक्त लगेगा. उन्होंने बताया कि ओमिक्रान वेरिएंट की जानकारी आरटीपीसीआर के ज़रिये पता नहीं लगती है. उन्होंने बताया कि मालिक्युलर डायग्नोस्टिक टेक्नालाजी सिंगल न्यूक्लियोटाइड आधार पर म्यूटेशन को अलग किया जा सकता है और इससे ओमिक्रान का पता चल जाता है.
उन्होंने बताया कि डेल्टा वेरिएंट के मामले में आरटीपीसीआर की जांच से पता चल जाता है. लेकिन ओमिक्रान के लिए यह कारगर नहीं है इसके लिए मालिक्युलर डायग्नोस्टिक टेक्नालाजी का इस्तेमाल करना पड़ता है. प्रोफ़ेसर ने कहा कि आरटीपीसीआर जांच में ओमिक्रान के पास एन जीन का पता चल जाता है, लेकिन मालिक्युलर डायग्नोस्टिक टेक्नालाजी बहुत सफल है और इससे ओमिक्रान वेरिएंट की जानकारी फ़ौरन हो जाती है.
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