जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। देश में भले ही कोरोना का खतरा कम होता दिख रहा हो लेकिन कुछ राज्यों में कोरोना की रफ्तार कम होने का नाम नहीं ले रही है। इस वजह से केंद्र सरकार की नींद उड़ गई और इसके चलते केंद्र सरकार पूरी तरह से सतर्क हो गई। देश में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 7,992 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद कोरोना वायरस से संक्रमितों की कुल संख्या 3,46,682,736 हो गई है।
आलम तो यह है कि कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे की वजह से सरकार अलर्ट मोड पर आ गई है। सरकार किसी तरह से तीसरी लहर को टालना चाहती है और इसके खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार 10 राज्यों के 27 जिलों में बढ़ते कोरोना के मामले पर गहरी चिंता जतायी है।
इसको लेकर उसने इन राज्यों को पत्र लिखकर अपनी चिंता बतायी है। इस चिट्ठी में राज्यों से अपने यहां हालात पर नियंत्रण रखने और एहतियात बरतने की बात कही जा रही है।
यह भी पढ़ें : पीएम मोदी उस परियोजना का शुभारम्भ करेंगे जो 43 साल पहले शुरू हुई थी
यह भी पढ़ें : अब न टूटे किसानों के साथ संवाद का सिलसिला
यह भी पढ़ें : आज खाली हो जाएगा सिंघु बॉर्डर, भावुक किसानों ने कही ये बात
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने 10 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को चिट्ठी लिखकरराज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सचिव और प्रशासनिक अफसरों से उनके यहां बढ़ते कोरोना केसेज के बारे में चेतावनी दी गई है।
इन 10 राज्यों के 27 जिलों में पिछले दो हफ्ते के अंदर कोरोना के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है। केंद्र सरकार इस वजह से चिंता जाहिर की है। राज्यों से इनकी सख्ती से मॉनीटरिंग किए जाने की जरूरत बताई है।
इन राज्यों में अब भी कोरोना खतरनाक
- केरल में 43 फीसदी एक्टिव केस हैं
- महाराष्ट्र में ये संख्या 10 फीसदी पर है
मिजोरम, केरल और सिक्किम। वहीं केरल, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, पुडुचेरी, मणिपुर, पश्चिम बंगाल और नागालैंड के अन्य जिले शामिल हैं, जहां पॉजिटिविटी रेट 5 से 10 फीसदी के बीच है।