- सिंघु बॉर्डर पर किसानों की चल रही बैठक
जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। कृषि कानून वापस लिए जाने के बावजूद अब तक किसानों ने आंदोलन अभी तक खत्म नहीं किया है और अपनी मांगों को लेकर उनका आंदोलन अब तक जारी है।
उधर अब किसानों के आंदोलन को लेकर एक और बड़ी जानकारी सामने आ रही है और कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार ने किसानों से सम्पर्क किया और बहुत जल्द लिखित में आश्वासन देने की बात सामने आ रही है।
वहीं, सरकार ने एक साल के भीतर किसानों पर दर्ज किए गए मामलों को भी वापस लेने की मांग भी मान ली है। इसके अलावा इस मसौदे में पंजाब मॉडल पर मुआवजा देने की बात भी है। फिलहाल केंद्र की तरफ से भेजे गए मसौदा प्रस्ताव पर सिंघु बॉर्डर पर विचार-विमर्श जारी है।
इतना ही नहीं जानकारी यहां तक मिल रही है कि हरियाणा में किसानों पर हुए मुक़दमों की वापसी पर केंद्र सरकार आज ही किसानों को पत्र जारी कर सकती है। इसके बाद लिखित आश्वासन के बाद किसान संगठन आंदोलन वापसी को लेकर भी कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं।
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बता दे कि किसानों ने एमएसपी और अन्य किसान समस्याओं पर सरकार से बातचीत के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का सुझाव मान लिया है. अब यह कमेटी सरकार से बातचीत करेगी। सिन्धु बार्डर पर हुई किसानों की बैठक में किसानों की कमेटी गठित हो गई है। इस कमेटी में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत शामिल नहीं हैं.
केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा बनाये गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बार्डर पर साल भर से किसानों का आन्दोलन चल रहा है. इस आन्दोलन के नतीजे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कृषि कानूनों को रद्द करने का एलान किया।
संसद के सत्र में यह कानून निरस्त भी हो गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कृषि क़ानून को रद्द करने पर अपनी मोहर भी लगा दी लेकिन किसानों ने एमएसपी और अन्य मांगों के पूरा हुए बगैर घर न लौटने की बात कह दी थी।
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दूसरी ओर लोकसभा में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी ने किसान आंदोलन के दौरान किसानों की मौत का मुद्दा उठाते हुए केंद्र सरकार से उनके परिजनों को मुआवजा दिए जाने की मांग की है।
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के दौरान करीब 700 किसानों की मौत हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश और किसानों से माफी मांगी थी। पीएम मोदी ने स्वीकार किया है कि उनकी ओर से गलती की गई थी।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी आज लोकसभा में किसान आंदोलन पर बोलते हुए कहा, ’30 नवंबर को कृषि मंत्री से पूछा गया था कि आंदोलन में कितने किसानों की मौत हुई थी? इसके जवाब में उन्होंने कहा था कि मेरे पास इस बारे में कोई आंकड़ा नहीं है।’
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