जुबिली स्पेशल डेस्क
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता करके मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग कर डाली है।
इतना ही नहीं राहुल गांधी ने यहां तक कह दिया है कि अगर सरकार के पास इसकी सूची नहीं है तो वो सूची मुहैया कराएंगे। उन्होंने इस दौरान कहा कि हम उन लोगों की सूची मुहैया कराएंगे, जो आंदोलन के दौरान मारे गए. सरकार उनको मुआवजा जरूर दे।
बता दे कि किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले प्रदर्शनकारियों के स्वजनों को वित्तीय सहायता दिए जाने के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कृषि मंत्रालय ने बताया कि उनके पास इससे जुड़ा कोई रिकॉर्ड नहीं है। ऐसे में मुआवजे का सवाल ही पैदा नहीं होता। दरअसल लोकसभा में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने किसान आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों की मौतों का मामला उठाया था। अब इस मामले पर राहुल गांधी ने सरकार को घेरा है और सरकार पर हमला बोला है राहुल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कितने किसानों की आंदोलन में मौत हुई है, सरकार के पास डेटा नहीं है। सरकार के पास नहीं है तो हमारे पास है, हम दे देते हैं। राहुल ने कहा, संसद में सवाल पूछा गया था कि क्या सरकार किसानों को मुआवज़ा देगी ? तो कृषि मंत्रालय ने कहा कि सरकार के पास इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है इसलिए यह सवाल ही नहीं बनता। हमने इस पर काम कियो। 500 लोगों के नाम तो हमारे पास है, जिन्हें पंजाब सरकार ने मुआवज़ा और नौकरी दी है।
My interaction with members of the Press about the farmers’ crisis. https://t.co/9kfvhCNxER
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 3, 2021
राहुल गांधी ने कहा, हमारे पास ऐसे 403 लोगों की लिस्ट है, जिन्हें पंजाब सरकार ने 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया है और 152 लोगों को नौकरी दी है. हमारे पास 100 ऐसे लोगों के नाम हैं, जो अन्य राज्यों से हैं. तीसरी ऐसी लिस्ट है, जो सार्वजनिक सूचना में हैं और आसानी से वेरिफाई हो सकते हैं। लेकिन सरकार कहती है कि ऐसी कोई सूची है ही नहीं।
बता दे कि पिछले एक साल से चल रहे किसान के आंदोलन की वजह से सरकार को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। जहां रेलवे को काफी नुकसान हुआ है तो वहीं आंदोलन के कारण नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को 2731.32 करोड़ रु के टोल का नुकसान हुआ है।