जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अगले साल विधान सभा चुनाव होना है। ऐसे में बीजेपी दोबारा सत्ता में वापसी का सपना देख रही है हालांकि उसकी राह उतनी आसान नहीं है।
दरअसल बीजेपी को रोकने के लिए अखिलेश यादव लगातार अपने संगठन को मजबूत करने में लगे हुए है। अभी तक लग रहा था कि यूपी में बीजेपी एक बार फिर बंपर जीत दर्ज करने जा रही है लेकिन अब हालात पूरी तरह से बदले हुए नजर आ रहे हैं और अखिलेश यादव भी अब बीजेपी को कड़ी टक्कर देते नजर आ रहे हैं।
दरअसल यूपी चुनाव को देखते हुए अखिलेश यादव ने कई बड़े कदम उठाये हैं जो उनको सत्ता के करीब पहुंचा सकते हैं। रोचक बात यह है कि अखिलेश अब वहीं फॉर्मूले अपना रहे हैं जो बीजेपी 2017 में अपनायी थी और 15 साल बाद यूपी में बीजेपी सत्ता में लौटी थी।
बीजेपी ने जिस प्रकार से छोटे दलों के साथ लेकर चली थी ठीक अब वैसे ही अखिलेश यादव भी हर छोटे दलों को अपने साथ लेकर चल रहे हैं।
उन्होंने इस दौरान कई छोटे दलों के साथ गठबंधन कर अपनी स्थिति मजबूत की है। अब खबर है कि भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर भी अखिलेश यादव के साथ गठबंधन करने की तैयारी में है और इसको बल तब और मिला जब रविवार को भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर अखिलेश यादव से मिलने पहुंचे है और इस बैठक में गठबंधन को लेकर चर्चा होने की बात कही जा रही है।
बता दें कि वोट बैंक को मजबूत करने के लिए छोटे-छोटे दलों के साथ अखिलेश यादव हाथ मिला रहे हैं। जयंत चौधरी ने सपा से हाथ मिलाया है और उनके और अखिलेश के बीच अच्छा तालमेल बनता नजर आ रहा है। ऐसे में उनके साथ आने से पश्चिम यूपी में जाट-मुस्लिम कम्बिनेशन को और मजबूत किया गया है।
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अखिलेश यादव ने बसपा और कांग्रेस से किनारा कर लिया और छोटे दलों के साथ जाने का बड़ा कदम उठाया है। पूर्वांचल में वोट बैंक को मजबूत करने के लिए ओम प्रकाश राजभर की भारतीय सुहेलदेव पार्टी, संजय चौहान की जनवादी पार्टी और कृष्णा पटेल के साथ गठबंधन कर विरोधियों को मुश्किल में जरूर डाल दिया है। इन दलों के साथ आने से राजभर, कुर्मी और नोनिया समाज के वोट बैंक को मजबूत किया है।