जुबिली न्यूज डेस्क
मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी से राहत दी है। यह राहत उन्हें अवैध वसूली के मामले में गिरफ्तारी से मिली है।
पिछली सुनवाई में शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह गिरफ्तारी से सुरक्षा देने की परमबीर सिंह की मांग को तब तक नहीं सुनेगी जब तक कोर्ट को यह नहीं बताया जाएगा कि मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर कहां हैं।
कोर्ट ने परमबीर सिंह को जांच में शामिल होने के निर्देश दिए हैं।
सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के वकील ने कहा कि इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि परमबीर सिंह देश में ही हैं।
वकील ने कोर्ट को बताया कि परमबीर 48 घंटे के भीतर किसी भी CBI अधिकारी या कोर्ट के सामने पेश होने को तैयार हैं। शीर्ष न्यायालय ने परमबीर सिंह की गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगाते हुए मामले की अगली सुनवाई 6 दिसंबर के लिए तय की है।
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अधिवक्ता ने कहा कि उनके मुवक्किल भागना नहीं चाहते हैं। अगर वे महाराष्ट्र में आते हैं तो उन्हें मुंबई पुलिस से खतरा है। वकील ने कहा कि अवैध कामों में शामिल लोगों ने परमबीर सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई हुई हैं।
इस पर जस्टिस एसके कौल ने कहा कि अगर मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर इस बात को कह रहे हैं कि उन्हें मुंबई पुलिस से ख़तरा है तो इसका क्या मतलब निकलता है।
परमबीर सिंह के खिलाफ इस समय मुंबई और ठाणे में 5 मामले दर्ज हैं जिनमें से अधिकतर मामले जबरन उगाही के हैं। मुंबई पुलिस और ठाणे पुलिस द्वारा परमबीर के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया है।
वहीं मुंबई की एक स्थानीय अदालत परमबीर सिंह को घोषित अपराधी करार दे चुकी है। इतना ही नहीं उनके खिलाफ कम से कम तीन मामलों में उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया जा चुका है।
एनआईए की टीम परमबीर को समन देने के लिए चंडीगढ़, रोहतक और छत्तीसगढ़ तक छापेमारी कर चुकी है लेकिन उनका पता नहीं चल पाया है।
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इसके अलावा महाराष्ट्र सरकार द्वारा गठित चांदीवाल कमीशन ने भी परमबीर को कई बार समन भेजा लेकिन कमीशन के अधिकारी उन तक नहीं पहुंच सके हैं।
एजेंसियों को अंदेशा है कि गिरफ्तारी के डर से कहीं परमबीर सिंह भारत छोड़कर फरार तो नहीं हो गए हैं। हालांकि उनके वकील ने इससे इनकार किया है।
परमबीर सिंह पर शक क्यों है?
परमबीर सिंह पर एनआईए को शक इसलिए भी हो रहा है क्योंकि एनआईए ने अपनी चार्जशीट में इस बात का जिक्र किया है कि एक साइबर एक्सपर्ट ने अपने जवाब में एनआईए को बताया था कि एंटीलिया के पास स्कॉर्पियो कार से जो जिलेटिन की छड़ें मिली थी उसके बाद टेलीग्राम चैनल के जरिए मिली धमकी को मॉडिफाई करने के लिए परमबीर नेे उस साइबर एक्सपर्ट को रिश्वत के तौर पर 5 लाख रुपये दिए थे।
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