जुबिली स्पेशल डेस्क
दीपावली बाद से दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की वजह से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। हालत इतनी खराब हो गई है कि लोगों को घरों में रहने की सलाह दी गई है।
दिल्ली में वायु प्रदूषण के खतरे को देखते हुए दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को जमेर फटकार लगाई और कहा कि प्रदूषण के लिए किसानों को कोसना एक फैशन बन गया है।
अदालत ने प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए तालाबंदी का भी सुझाव दिया। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने केंद्र से कि वायु प्रदूषण एक गंभीर स्थिति है। हमें घर पर भी मास्क पहनकर रहना पड़ रहा है।
शीर्ष अदालत ने दिल्ली में वायु प्रदूषण पर सुझाव दिया कि केंद्र और दिल्ली सरकार उच्च प्रदूषण के स्तर को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी में दो दिनों का लॉकडाउन करने पर विचार कर सकती है। ‘
उधर केजरीवाल सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए एक हफ्ते के लिए स्कूलों को बंद करने का बड़ा कदम उठाया है। इसके साथ ही केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली में प्रदूषण से बिगड़े हालात को देखते हुए एक हफ्ते के लिए सरकारी कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम करेंगे।
Immediate steps need to be taken to improve air quality, says top expert
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स्कूलों में अवकाश घोषित करने का दिल्ली सरकार का फैसला सोमवार यानी 15 नवंबर से प्रभावी होगा। उन्होंने कहा है कि 14 नवंबर से 17 नवंबर के बीच दिल्ली में कंस्ट्रक्शन से जुड़ी गतिविधियों पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। इस अवधि में कंस्ट्रक्शन से जुड़ी गतिविधियों की इजाजत नहीं दी जाएगी।
वही इससे पहले शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार से भी प्रदूषण को लेकर कहा, आपने सभी स्कूल खोल दिए हैं और अब बच्चे प्रदूषण के संपर्क में हैं। यह केंद्र का नहीं बल्कि आपका अधिकार क्षेत्र है। उस मोर्चे पर क्या हो रहा है?
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पराली समस्या का हिस्सा हो सकती है लेकिन एकमात्र कारण नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब किसानों को कोसना एक फैशन बन गया है चाहे वह दिल्ली सरकार हो या कोई और। पटाखों पर बैन था, उसका क्या हुआ?
शीर्ष अदालत ने केंद्र से कहा कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में है और अगले 2 से 3 दिनों में यह और कम हो जाएगी। आपातकालीन निर्णय लें। हम बाद में दीर्घकालिक समाधान देखेंगे।