जुबिली न्यूज डेस्क
ग्लोबल सेंटर फॉर प्लुरलिज़्म ने आज 2021 ग्लोबल प्लुरलिज़्म अवार्ड के लिए 10 फाइनलिस्टों की घोषणा की। यह ऐसा सम्मान है जो बहुलवाद के क्षेत्र में उत्कृष्टता को सम्मानित करता है। यह पुरस्कार हर दो साल में एक बार दुनिया भर के व्यक्तियों, संगठनों और सरकारों को ऐसे अधिक समावेशी समाजों के निर्माण में अनुकरणीय उपलब्धियों के लिए प्रदान किया जाता है जहां विविधता की रक्षा की जाती है। फाइनलिस्टों में जातिगत भेदभाव को चुनौती देने और भारत के सबसे हाशिए के समुदायों के अधिकारों को आगे बढ़ाने के लिए काम करने वाले भारत के लेनिन रघुवंशी शामिल हैं।
ग्लोबल सेंटर फॉर प्लुरलिज़्म की महासचिव Meredith Preston McGhie ने कहा, “सेंटर इस साल के फाइनलिस्टों की रचनात्मकता और लचीलापन से प्रेरित है, जिनकी उपलब्धियां आज की दुनिया में बहुलवाद की शक्ति के ठोस, प्रेरक उदाहरण पेश करती हैं।” “विभाजन के वैश्विक रुझानों और घटे हुए नागरिक स्थान के बीच, ये फाइनलिस्ट जागरूकता बढ़ाने, संबंध निर्मित करने और विचारों, आख्यानों और संरचनाओं को बदलने के लिए बेहिसाब काम कर रहे हैं।”
ग्लोबल सेंटर फॉर प्लुरलिज़्म को 2021 ग्लोबल प्लुरलिज़्म अवार्ड के लिए 70 देशों से 500 नामांकन प्राप्त हुए। नामांकित व्यक्ति कठोर समीक्षा प्रक्रिया से गुजरते हैं और बहुलवाद से संबंधित अनुशासनों की स्वतंत्र विशेषज्ञों की अंतरराष्ट्रीय जूरी द्वारा चुने जाते हैं।
कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री Joe Clark ने कहा, “बहुलवाद सम्मान, सहयोग और साझा उद्देश्य का विवरण है जो समुदायों को गतिशील रखता है।” “इन फाइनलिस्टों ने बहुलवाद में उल्लेखनीय योगदान दिया है। वे आज की दुनिया में अन्याय, असमानता और अपवर्जन की चुनौतियों से निपटने में मौलिकता और साहस दिखाते हैं।”
अफगानिस्तान, डोमिनिकन गणराज्य, कोसोवो, इज़राइल, भारत, केन्या, हांगकांग, कनाडा, मलावी में और विश्व स्तर पर- 2021 के फाइनलिस्ट ने शिक्षा, सामुदायिक निर्माण, सामाजिक-आर्थिक विकास और कला के माध्यम से बहुलवाद को आगे बढ़ाने के लिए असाधारण प्रयास किए हैं।
लेनिन रघुवंशी को जातिगत भेदभाव को चुनौती देने और भारत के सबसे हाशिए के समुदायों के अधिकारों को आगे बढ़ाने के उनके काम के लिए जाना जाता है। वह पितृसत्ता और जाति-व्यवस्था को चुनौती देने वाले समावेशी सामाजिक आंदोलन पीपुल्स विजिलेंस कमेटी ऑन ह्यूमन राइट्स के सह-संस्थापक हैं। श्री रघुवंशी स्थानीय संस्थाओं को मजबूत करने, मानवाधिकारों को बढ़ावा देने और पूरे समाज को जोड़ने के लिए उत्तर भारत के 5 राज्यों में ग्रामीण स्तर पर काम करते हैं।
लेनिन रघुवंशी ने कहा, “अपने काम में, मैं एक बेहतर दुनिया हेतु बहुलवादी लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए एकीकृत, समावेशी आंदोलन के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हूं।” “भारत भर में जातिगत भेदभाव को चुनौती देने और समाज के हाशिए पर पड़े तबकों के उत्थान के लिए अपने काम के लिए ग्लोबल प्लुरलिज्म अवार्ड फाइनलिस्ट के रूप में प्रशंसित होना सम्मान की बात है।”
फरवरी 2022 में आभासी समारोह में प्लूरलिज्म अवार्ड के तीन विजेताओं की घोषणा की जाएगी। बहुलतावाद के समर्थन में अपने काम को आगे बढ़ाने के लिए प्रत्येक विजेता को $50,000 कनाडियन डालर का पुरस्कार मिलेगा।