जुबिली न्यूज डेस्क
बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के मौके पर हिन्दुओं के घरों और पूजा स्थलों पर हुए हमले की अमेरिका ने निंदा की है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि वे दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान हिन्दू मंदिरों और उनके घरों पर हमले की निंदा करते हैं।
प्राइस ने कहा है, ”हमारी संवेदना हिन्दू समुदाय के साथ है। हम प्रशासन ने आग्रह करते हैं कि पूरे मामले की ठीक से जांच की जाए। धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की रक्षा बहुत अहम है।”
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा है कि धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की रक्षा किसी खास धर्म तक सीमित नहीं है।
इस बीच, बांग्लादेश हिंदू समुदाय के एक सदस्य प्राणेश हल्दर ने अमेरिकी विदेश मंत्रालय से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि बांग्लादेश के तंगहाल हिंदुओं को और नुकसान ना पहुंचे।
हल्दर ने अमेरिका स्थित वाचडॉग समूहों और मीडिया कंपनियों से बांग्लादेश में हिंसा की गंभीरता को उजागर करने का आग्रह किया।
बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के दौरान हुए बड़े पैमाने पर हिंसा और हिंदू घरों और मंदिरों में तोडफ़ोड़ के विरोध में अमेरिका में रह रहे बांग्लादेशी हिंदू प्रवासियों ने वॉशिंगटन में बांग्लादेश दूतावास के सामने प्रदर्शन किया।
यह भी पढ़ें : लखीमपुर हिंसा : SC ने एक बार फिर योगी सरकार को लगाई फटकार
यह भी पढ़ें : पंजाब में अटल बिहारी और साहिर लुधियानवी के नाम पर छिड़ा सियासी जंग
यह भी पढ़ें : कुमारस्वामी बोले- RSS शाखा से निकले लोग विधानसभा में देखते हैं गंदी फिल्में
अमेरिका स्थित एक हिंदू एडवोकेसी ग्रुप हिंदूपैक्ट के कार्यकारी निदेशक उत्सव चक्रवर्ती ने कहा, “यह देखना वाकई बहुत भयावह है कि नोआखली में हिंदुओं पर इस तरह से हमला किया जा रहा है। अक्टूबर 1946 में वहां बारह हजार हिंदुओं को मार डाला गया और 50 हजार को इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर किया गया था।”
यह भी पढ़ें : उत्तराखंड में बारिश ने मचाई तबाही, 46 लोगों की मौत
यह भी पढ़ें : ऑस्ट्रेलिया का ये पूर्व दिग्गज क्रिकेटर हुआ गिरफ्तार, जानिए क्या है मामला
यह भी पढ़ें : बैकफुट पर फैबइंडिया, सोशल मीडिया पोस्ट हटाया
हिंदूपैक्ट ने यह भी कहा कि बांग्लादेश में स्थानीय हिंदू संगठन नफरत और भेदभाव का निशाना बने हुए हैं, जहां अल्पसंख्यकों की आबादी 1940 के 28 प्रतिशत से घटकर अब नौ फीसदी रह गई है।
हिंदूपैक्ट ने कहा कि, “हिंसा की यह लहर स्थानीय हिंदू जिस तरह के खतरों का सामना कर रहे हैं उसकी पुष्टि करती है। हिंदुओं को उनके मजहब की वजह से टारगेट किया जा रहा है, उनमें से लगभग 28 लाख लोग बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई के दौरान मार दिए गए थे और करीब एक करोड़ बेसहारा हो गए थे जिन्हें 1971 में पाकिस्तानी सेना ने शरणार्थी बना दिया था।”