सजा के ऐलान से पहले हरियाणा के पंचकूला जिले में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करते हुए धारा-144 लागू कर दी गई…साल 2017 में बलात्कार के एक मामले में राम रहीम को दोषी ठहराए जाने के बाद 36 लोग मारे गए थे…
जुबिली स्पेशल डेस्क
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम डेरा प्रेमी रंजीत सिंह की हत्या के मामले में में सीबीआई की विशेष अदालत ने सोमवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
इसी मामले में चार अन्य को भी उम्रकैद की सजा दी गई है। बता दे कि पंचकूला में सीबीआई की विशेष अदालत ने राम रहीम को इस मामले में दोषी ठहराया।
हालांकि राम रहीम बलात्कार और एक पत्रकार की हत्या के मामले में पहले से ही जेल में अपनी सजा काट रहे हैं। राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है।
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डेरा की प्रबंधित 10 सदस्यों वाली समिति के रणजीत सिंह सदस्य थे। 10 जुलाई 2002 में उनकी हत्या कर दी गई थी, जिसके लिए डेरा प्रमुख और चार अन्य आरोपियों को 2002 में दोषी ठहराया गया है।
सीबीआई ने 3 दिसंबर 2003 को रणजीत सिंह हत्या मामले में FIR दर्ज की थी। इस मामले में रंजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने याचिका दायर की थी।
इस सप्ताह की शुरुआत में, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने गुरमीत राम रहीम के खिलाफ हत्या के मुकदमे को पंचकूला की स्पेशल सीबीआई कोर्ट से किसी अन्य सीबीआई कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था।
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अब, पंचकूला में स्पेशल CBI कोर्ट ने राम रहीम सिंह और अन्य सह-आरोपियों को IPC की धारा 302 (हत्या) के तहत दोषी ठहराया है। सजा का ऐलान 12 अक्टूबर को होगा।