- कमजोर प्रतिरोधक क्षमता के चलते घेर सकतीं हैं कोरोना समेत अन्य संक्रामक बीमारियां
जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। कोविड-19 का संक्रमण एक बार बहुत कुछ काबू में आ चुका है, ऐसे में जरूरी है कि ऐसा कोई भी कदम न उठाएं कि वह फिर से सिर उठा सके। इस बीच कई व्रत-त्योहार का भी समय शुरू हो रहा है ।
इन व्रत-त्योहार में भी कोविड अनुरूप व्यवहार का अक्षरशः पालन करें ताकि खुद के साथ समुदाय को सुरक्षित बना सकें । गुरूवार (07 अक्टूबर) से शुरू हो रहे नवरात्रि के दौरान अगर व्रत रखते हैं तो इसका पूरा ख्याल रखें कि इसका असर इम्यूनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) पर बिल्कुल न पड़ने पाए क्योंकि कोरोना, डेंगू, वायरल समेत कई अन्य संक्रामक बीमारियाँ कमजोर इम्यूनिटी वालों को ही सबसे पहले घेरतीं हैं ।
एसजी पीजीआई-लखनऊ की वरिष्ठ आहार परामर्शदाता डॉ. शिल्पी पाण्डेय का कहना है कि व्रत-उपवास के साथ अपनी सेहत का भी पूरा ख्याल रखना बहुत जरूरी है । वैसे भी यह मौसम में बदलाव का समय है, ऐसे में संक्रमण से बचाव करना भी एक चुनौती है । उपवास के दौरान खानपान (फलाहार) का ख्याल रखें और यह ध्यान रहे कि ऐसे में देर तक खाली पेट रहना और बाद में ओवर ईटिंग करना दोनों स्थितियां शरीर को नुकसान पहुंचा सकती हैं । इसलिए थोड़ा-थोड़ा करके कई बार खाते रहें अब भी दिन में गर्मी हो रही है, इसलिए शरीर में पानी की कमी न होने दें ।
पर्याप्त मात्रा में पानी, नारियल पानी आदि पीते रहें । शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा प्राप्त होती रहे, इसके लिए सिंघाड़े का आटा, कुट्टू का आटा, समा चावल, राजगीरा, मूंगफली, साबूदाना, मखाना, दूध, दही, फल और कुछ सब्जियां जैसे- आलू, अरबी, कच्चे केले को खानपान में शामिल किया जा सकता है । पिस्ते को छोड़कर बाकी सारे ड्राई फ्रूट्स का सेवन व्रत के दौरान किया जा सकता है ।
इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होगी । व्रत के दौरान खाने में हरी सब्जियां जैसे पालक, बंदगोभी, शिमला मिर्च, लौकी आदि को भी शामिल कर सकते हैं । यह भोजन में फाइबर की मात्रा को पूरा करने के साथ साथ ऊर्जा प्रदान करेगी । सिंघाड़े का आटा कम कैलोरी के साथ पर्याप्त पोषक तत्व भी प्रदान करेगा ।
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संतुलित आहार का पालन भी करना है, ऐसे में सिंधाड़ा या कुट्टू के आटे व सांवा चावल से पर्याप्त कार्बोहाइड्रेट और दूध, दही व पनीर से प्रोटीन का संतुलन बनाए रख सकते हैं ।
देशी घी या सनफ्लावर तेल से फैट और सब्जियों, फल व ड्राई फ्रूट्स से मिनरल्स व विटामिन की पूर्ति की जा सकती है । इन सभी खाद्य पदार्थों को अपने डाइट में शामिल कर आप व्रत के साथ अपनी सेहत का भी पूरा ख्याल रख सकते हैं।
व्रत के दौरान भी नियमित रूप से योग, प्राणायाम ,व्यायाम, टहलना आदि जारी रखना चाहिए। यदि पहले से कोई बीमारी है तो उसकी दवा नियमित रूप से लेते रहें तथा चिकित्सक से सलाह लेतें रहें।
व्रत के दौरान शुगर के रोगियों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि ज्यादा देर तक खाली पेट रहने से शुगर का लेवल कम हो सकता है इसलिए खाली पेट नहीं रहना चाहिए, वैसे डायबिटिक के मरीजों को व्रत रखने से परहेज ही करना चाहिए ।
कुछ इस तरह बनाएं डाइट चार्ट
- सुबह छह बजे : एक कप चाय
- सुबह आठ बजे (नाश्ते में ) : 200 मिली. दूध या दही (मलाई उतारकर) के साथ साबूदाना की खिचड़ी या सिंघाड़ा टिक्की या कुट्टू के आटे का चिल्ला या आलू ले सकते हैं
- सुबह 11 बजे : मौसमी फल व सूखे मेवे ले सकते हैं
- दोपहर डेढ़ बजे (लंच) : सिंघाड़ा या कुट्टू के आटे की दो रोटी, सब्जी, दही व सलाद लें
- शाम पांच बजे : एक गिलास मठ्ठा, नीबू पानी, नारियल पानी व टमाटर सूप में से कोई एक ले सकते हैं । इसके साथ मूंगफली व मखाना भी ले सकते हैं ।
- रात नौ बजे (डिनर) : सांवा चावल (समा चावल), चीला, दही और सलाद ले सकते हैं
- रात 10 बजे : दूध या मखाना खीर ले सकते हैं