जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. योगी सरकार में लखीमपुर खीरी की घटना में मरने वाले किसानों को 45-45 लाख रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी का एलान कर डैमेज कंट्रोल की कोशिश की है लेकिन किसानों के पक्ष में बार-बार मुख्यमंत्री से अनुरोध करते आ रहे बीजेपी के फायर ब्रांड सांसद वरुण गांधी ने लखीमपुर काण्ड के बाद अपने ट्वीटर से बीजेपी शब्द हटा लिया है. वरुण गांधी ने किसानों का मुद्दा हल करने के लिए कई बार कोशिशें कीं. सरकार को चिट्ठियां लिखीं. अंतत: उन्होंने ट्वीटर से बीजेपी को हटा दिया. वरुण गांधी ने अपने भविष्य के अगले कदम का यह सन्देश तो दे दी दिया है कि मैं खुश नहीं हूँ. वरुण गांधी का यह विरोध बीजेपी को कितना नुक्सान पहुंचाएगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.
लखीमपुर खीरी में केन्द्रीय गृहराज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के पुत्र मोनू ने किसानों को अपनी गाड़ी से रौंदकर भारतीय जनता पार्टी को बैकफुट पर ला दिया है. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को जब कुछ ही महीने बचे हैं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रात-दिन नई-नई घोषणाएं करके जनता को अपनी तरफ मोड़ने की कोशिश में जुटे हुए हैं तब उप मुख्यमंत्री केशव मौर्या के लखीमपुर खीरी दौरे के दौरान किसानों के साथ हुई इतनी बड़ी वारदात के बाद सरकार और भारतीय जनता पार्टी दोनों बैकफुट पर हैं.
लखीमपुर खीरी की घटना के बाद जिस तरह से विपक्ष लामबंद हुआ उससे सरकार के सामने दिक्कतें बढ़ गईं. सरकार ने अपनी पूरी ताकत लगाकर लखीमपुर जाने वाले सभी रास्ते सील किये और वहां जा रहे नेताओं को रोक-रोक कर हिरासत में ले लिया. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और शिवपाल सिंह यादव के साथ पुलिस की तीखी नोंकझोंक भी हुई. दोनों नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को लखनऊ में उनके घर के बाहर ही हिरासत में ले लिया गया. पंजाब के डिप्टी सीएम रंधावा को भी लखीमपुर जाते वक्त गिरफ्तार किया गया.
इस मामले में क्योंकि गृहराज्यमंत्री के बेटे ने अपनी गाड़ी से कुचलकर किसानों की हत्या की है इसलिए सरकार बैकफुट पर है. मोनू मिश्रा के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हो गया है.
बीजेपी के लिए सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि विपक्ष तो आक्रामक भूमिका में है ही विरोध अब अपने भी करने लगे हैं. वरुण गांधी ने अपने ट्वीटर हैंडल से बीजेपी शब्द हटाकर पार्टी को एक बड़ा सन्देश भेज दिया है. सोमवार की सुबह वरुण ने मुख्यमंत्री को चिट्ठी भेजकर घटना की सीबीआई जांच की मांग की थी. साथ ही पीड़ित परिवारों के लिए एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा भी माँगा था.
वरुण ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि दो अक्टूबर को हमने गांधी जयन्ती मनाई, अहिंसा के पुजारी को याद किया और अगले ही दिन प्रदर्शन कर रहे किसानों को निर्दयतापूर्वक कुचल दिया. यह ह्रदयविदारक है. अन्नदाताओं की हत्या अक्षम्य है. किसान भाई पीड़ित हैं तभी तो प्रदर्शन कर रहे हैं. हमें तो उनके साथ खड़े होकर संयम और धैर्य का बर्ताव करना चाहिए है. हत्या में शामिल लोगों के खिलाफ 302 के तहत कार्रवाई की मांग भी वरुण गांधी ने की.
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वरुण गांधी ने इससे पहले भी योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर गन्ना मूल्य 400 रुपये करने को कहा था. इससे पहले ट्वीटर पर वरुण गांधी ने एक वीडियो में कहा था कि लाखों किसान मुज़फ्फरनगर के प्रदर्शन में इकट्ठा हुए. वे हमारा ही खून और अपने लोग हैं. हमें एक सम्मानजनक तरीके से उनके साथ फिर से संवाद शुरू करना चाहिए, उनका दर्द महसूस कीजिये. उनका नजरिया जानिये और आम सहमति बनाने के लिए उनके साथ बात कीजिये.