जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. मध्य प्रदेश में देवास के टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के इंजीनियर विजय दरयानी के घर ईओडब्ल्यू ने छापा मारा तो छापा मरने वाले अधिकारियों के ही होश उड़ गए. 1984 में नक्शा ट्रेसर के रूप में सिर्फ 500 रुपये महीने की नौकरी शुरू करने वाला दरयानी हालांकि अभी 50 हज़ार रुपये महीने वेतन पाता है लेकिन 84 से 2021 के बीच उसने करोड़ों की सम्पत्ति कहाँ से खड़ी कर ली, इसी का जवाब तलाशने की कोशिश कर रही है ईओडब्ल्यू.
इंजीनियर विजय दरयानी पर आरोप है कि उसने अपनी नौकरी के दौरान भू माफियाओं और बिल्डरों के ज़रिये भ्रष्टाचार के रास्ते से करोड़ों रुपये कमाए हैं. छापे में दरयानी के आवास से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़ मिले हैं. छापे में विजय के घर से उस एक्सप्रेस वे का नक्शा मिला है जो देवास के नज़दीक से निकलने वाला है. नितिन गडकरी ने हल ही में अपने मध्य प्रदेश दौरे के वक्त इस एक्सप्रेस वे का ज़िक्र किया था. संभावना जताई जा रही है कि विजय ने भू माफियाओं को यह नक्शा लीक कर दिया और उनसे करोड़ों की रकम हासिल कर ली.
दरअसल विजय दरयानी जिस टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग में कम करता है वही विभाग ज़मीनों का भविष्य तय करता है. यही विभाग सरकार की योजना के तहत बताता है कहाँ माल बनेगा और कहाँ से हाइवे निकलेगा. ऐसे में भ्रष्टाचार की काफी गुंजाइश इस विभाग में काम करने वाले के पास होती है. उसे यह पता होता है कि कौन सी ज़मीन कब कीमती होने वाली है. इसी प्लानिंग को भू माफियाओं से साझा कर उनसे करोड़ों रुपये वसूल लिए जाते हैं. इसके बाद वह माफिया कीमती होने वाली ज़मीनों को पहले से कौड़ियों के भाव खरीद लेते हैं. विजय दरयानी के घर पर विभाग की जॉइंट डायरेक्टर अनीता कुरोठे की मोहर भी मिली है. ईओडब्ल्यू फ़िलहाल विजय दरयानी की कुल सम्पत्ति का आंकलन करने में जुटा है.
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