जुबिली स्पेशल डेस्क
इन दिनों आम जनतों एलपीजी सिलेंडर के लगातार बढ़ रहे दामों को लेकर परेशान हैं। इस मुद्दे पर सरकार चौतरफा घिरी हुई है। विपक्ष जमकर सरकार के इस फैसले का विरोध कर रह है।
देश में महंगाई की मार से आम आदमी बेहाल है। आम-आदमी सबसे ज्यादा परेशान पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से है। पेट्रोल की आसमान छूती कीमतों ने नया रिकॉर्ड बना चुकी जबकि गैस के दामों में बढ़ोत्तरी लगातार देखने को मिल रही है।
इसके अलावा पिछले छह महीनों में खाद्य तेलों की कीमत भी दोगुनी हो गई है। इसके अलावा दूध, एलपीजी सिलेंडर, दालों की बढ़ी क़ीमतों ने भी आम आदमी की कमर तोडक़र रख दी है।
अब जानकारी मिल रही है कि आने वाले दिनों में एलपीजी सिलेंडर के दामों में फिर से उछाल देखने को मिल सकता है। इतना ही नहीं पेट्रोल और डीजल के दाम भी बढऩे की बात कही जा रही है।
एलपीजी सिलेंडर के दाम तो हर महीने बढ़ते रहते हैं। एलपीजी सिलेंडर के दाम (lpg cylinder price) को लेकर ‘बिजनेस इनसाइडर’ ने रिसर्च कंपनी CLSA एक रिपोर्ट सामने आई है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है वैश्विक बाजार में घरेलू गैस की कीमतों में बड़ी बढ़ोतरी देखी जा सकती है. गैस के दाम में अक्टूबर 2021 में 70 परसेंट तक की बढ़ोतरी संभव है , कीमतें प्रति एमएमबीटीयू 3.3 डॉलर तक पहुंच सकती हैं।
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ये कीमतें अप्रैल 2022 में लगभग दोगुनी तक पहुंच जाएंगी और 6.7 डॉलर को छू सकती हैं। जून 2020 में प्राकृतिक गैस के दाम 1.43 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू थे.।
हालांकि पेट्रोल और डीजल की कीमतें कुछ दिनों से स्थिर देखने को जरूर मिल रही है लेकिन अब जानकारी मिल रही है कि फिर पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी होने की बात सामने आ रही है जबकि एलपीजी फिर से महंगा हो सकता है और उसके दामों का बढ़ाया जा सकता है।
इसकी सबसे बड़ा कारण है कि कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी बता दें कि पिछले 4 दिन से कच्चे तेल की कीमतें लगातार चढ़ रही हैं। आलम तो यह है कि बढ़ोतरी पिछले 3 साल का उच्च रिकॉर्ड पर जा पहुंची है।
क्या हैं कच्चे तेल की कीमतें
- वैश्विक बाजारों में कच्चे तेल की कीमतें 77 डॉलर प्रति बैरल पर चल रही हैं
- एक दिन पहले ये कीमतें 77.65 डॉलर दर्ज की गईं
इसमें सबसे जरूरी बात यह है कि कच्चे तेल अक्टूबर 2018 के बाद सबसे बड़ी बढ़ोतरी है। इसमें एक बात भी समझना जरूरी है क्योंकि उस समय कोरोना नहीं था लेकिन फिरतेलों के दाम में उछाल देखने को मिला था। अगर मौजूदा स्थिति पर गौर करें तो इस समय कोरोना कमजोड़ पड़ा हुआ है लेकिन तेल के दामों में आग लगी हुई है।
PPAC और investing.com चार्ट पर नज़र डाले तो सबकुछ समझ आ जायेगा। 1 जनवरी 2021 को पेट्रोल की कीमतें 88.71 रुपये थी लेकिन 3 सितंबर को यही दाम 101.19 रुपये तक जा पहुंचा।
ऐसे में देखा जाय तो 21 परसेंट की बढ़ोतरी हुई है। 1 जनवरी 2021 को प्रति लीटर डीजल की कीमत 73.87 रुपये थी जबकि 23 सितंबर को 88.62 रुपये पर पहुंचा।
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चल रही थीं जबकि 23 सितंबर को यही दाम 101.19 रुपये को छू गया. यह 21 फीसद की बढ़ोतरी है. डीजल की भी यह हाल रहा. 1 जनवरी 2021 को प्रति लीटर डीजल की कीमत 73.87 रुपये थी जबकि 23 सितंबर को 88.62 रुपये पर पहुंच गई। यह बढ़ोतरी 20 परसेंट के हिसाब से है।
ऐसे में आने वाले समय में एक बार फिर पेट्रोल और डिजल के दामों में भारी उछाल देखने को मिल सकता है। माना जा रहा है कि पर्व प्यौहारों के दिनों में पेट्रेल से लेकर सिलेंंडर के दामों में फिर से उछाल होने वाला है। ऐसे में आम इंसानों को एक बार फिर महंगाई का बोझ बढ़ेंगा।