जुबिली न्यूज डेस्क
संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत ने पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाई है। पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने कश्मीर राग छेड़ा तो भारत ने पाक को कड़ा जवाब दिया।
भारत ने यूएन में पाक के पीएम इमरान खान के संबोधन पर जवाब देने के अधिकार में कहा, ” पूरी दुनिया मानती है कि पाकिस्तान आतंकवादियों का खुले तौर पर समर्थन करता है और उन्हें हथियार मुहैया करवाता है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित सर्वाधिक आतंकवादियों को रखने का घटिया रिकॉर्ड पाकिस्तान के पास है।”
भारत ने आगे कहा, पाकिस्तान में ओसामा बिन लादेन को पनाह मिली। आज भी पाकिस्तानी नेतृत्व उसे ‘शहीद’ कहकर महिमामंडित करता है। आतंकवादियों को पाकिस्तान इस उम्मीद में पालता है कि वे केवल उसके पड़ोसियों को नुकसान पहुंचाएंगे। हम सुनते आ रहे हैं कि पाकिस्तान ”आतंकवाद का शिकार” है, लेकिन यह आग से लडऩे वाले के भेष में आग लगाने वाला देश है।
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भारत के बयान के अनुसार, “पाकिस्तान के लिए बहुलवाद को समझना बहुत मुश्किल है जो अपने अल्पसंख्यकों को सरकार में उच्च पदों की आकांक्षा रखने से रोकता है। समूचे केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख, भारत के अभिन्न और अविभाज्य हिस्से थे, हैं और रहेंगे।”
शुक्रवार की शाम को यूएन महासभा में प्रसारित अपने पूर्व-रिकॉर्डेड भाषण में पाकिस्तानी पीएम ने कहा था, “नई दिल्ली ने जम्मू-कश्मीर विवाद के अंतिम समाधान के लिए इसे शुरू कर दिया है।” यह 2019 में भारत सरकार के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले के संदर्भ में था। उन्होंने कश्मीर में भारतीय बलों द्वारा किए गए “मानव अधिकारों का घोर और व्यवस्थित उल्लंघन” कहा था।
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अफगानिस्तान पर इमरान खान ने कहा है कि युद्धग्रस्त देश में 20 साल के सैन्य हस्तक्षेप के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय अफगान लोगों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों से खुद को “मुक्त” नहीं कर सकता है।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने अमेरिका स्थित ‘न्यूजवीक’ पत्रिका के लिए पीएम इमरान के इंटरव्यू के हवाले से बताया कि खान ने कहा कि दशकों के युद्ध का अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था, समाज और राजनीति पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा है।