- टोक्यों में भारत के हाथ आया चार स्वर्ण जीता
- भुवनेश्वर के प्रमोद ने चौथा गोल्ड मेडल
- मनीष नरवाल ने तीसरा गोल्ड मेडल दिलाया है
- अवनि लखेरा और सुमित अंतिल ने स्वर्ण पदक दिलाया था
- इसके साथ ही भारत के पदकों की संख्या 17 हो गई
जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी प्रमोद भगत ने टोक्यो पैरालंपिक शानदार प्रदर्शन करते हुए सोना जीतकर नया इतिहास रच दिया है। टोक्यो में भारतीय खिलाडिय़ों ने शानदार प्रदर्शन शनिवार को जारी रखा है।
शनिवार को जहां शूटिंग में भारत को स्वर्ण मिला तो शाम-शाम होते बैडङ्क्षमटन से भी अच्छी खबर आई है और भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी प्रमोद भगत ने शनिवार को बैडमिंटन के पुरुष सिंगल्स एसएल3 फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन के वर्ल्ड नंबर-2 डेनियल बेथेल को 21-14, 21-17 से पराजित कर स्वर्ण पदक पर कब्जा कर लिया है।
इसके साथ ही 33 साल के प्रमोद भगत पैरालंपिक के बैडमिंटन इवेंट में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय शटलर भी बन गए है।
दूसरी ओर एसएल3 वर्ग में ही मनोज सरकार ने शानदार खेल दिखाते हुए जापान के डाइसुके फुजिहारा को 46 मिनट में 22-20, 21-13 से शिकस्त देते हुए कांस्य पदक अपने नाम किया है।
इसके साथ ही भारत के पदकों संख्या अब 17 जा पहुंची है। विश्व नंबर-1 प्रमोद ने यह खिताबी मुकाबला 45 मिनट में अपने नाम किया. सेमीफाइनल में उन्होंने जापान के डाइसुके फुजिहारा को 21-11, 21-16 से हराया था।
इससे पहले P4 मिक्स्ड 50 मीटर पिस्टल एसएस-1 फाइनल में मनीष नरवाल ने 218.2 का स्कोर कर प्रथम स्थान करते हुए सोना जीता जबकि सिंहराज (216.7) दूसरे स्थान पर रहे और सिल्वर मेडल अपने नाम किया
फरीदाबाद के रहने वाले दोनों शूटर्स अच्छी लय में नज़र आए और क्वालिफिकेशन में सिंहराज 536 अंकों के साथ चौथे स्थान पर थे, जबकि मनीष नरवाल (533) सातवें नंबर पर रहे थे लेकिन फाइनल राउंड में दोनों ने कमल का प्रदर्शन किया।
भारत के प्रदर्शन पर एक नज़र
- मौजूदा पैरालंपिक में भारत ने अब तक 17 पदक जीते हैं
- भारत के खाते में अब 4स्वर्ण
- 7 रजत और 6 कांस्य पदक हैं
- यह पैरालंपिक के इतिहास में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है
- रियो पैरालंपिक (2016) में भारत ने 2 स्वर्ण सहित 4 पदक जीते थे