जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस में रार अब भी खत्म नहीं हुई है। दरअसल पंजाब में अगले साल विधान सभा चुनाव होना है लेकिन वहां पर कांग्रेस कुनबे में घमासान मचा हुआ है।
हालांकि कांग्रेस ने पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को बनाकर मामले को शांत करने की पूरी कोशिश की है लेकिन अब भी वहां पर कैप्टन और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच बन नहीं पा रही है।
ऐसे में हालात सुधरने के बजाये वहां के खराब होते नजर आ रहे हैं। पंजाब कांग्रेस की रार को खत्म करने की कोशिशों में लगें प्रभारी हरीश रावत को अब तक कोई खास कामयाबी नहीं मिली है और तो और उन्हें इस वजह से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने हाल में कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और उनके चार कार्यकारी अध्यक्षों की तुलना सिख धर्म के महान ‘पंज प्यारो’ से कर दी लेकिन यह बयान उनके लिए गले की हड्डी बन गया है और उनके इस बयान पर जमकर हंगामा हुआ।
अकाली दल ने हरीश रावत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और कहा गया कि हरीश रावत पर सिख धर्म के अनुयायियों को ठेस पहुंचाने की बात कही गई।
हालांकि विवाद बढ़ता देख हरीश रावत ने माफी मांगने में देर नहीं की और माफी मांगते हुए हरीश रावत ने लिखा कि कभी आप आदर व्यक्त करते हुए कुछ ऐसे शब्दों का उपयोग कर देते हैं जो आपत्तिजनक होते हैं।
मुझसे भी कल अपने माननीय अध्यक्ष व चार कार्यकारी अध्यक्षों के लिए पंज प्यारे शब्द का उपयोग करने की गलती हुई है। मैं देश के इतिहास का विद्यार्थी हूं और पंज प्यारों के अग्रणी स्थान की किसी और से तुलना नहीं की जा सकती है। मुझसे ये गलती हुई है, मैं लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए क्षमा प्रार्थी हूं। मैं प्रायश्चित स्वरूप सबसे क्षमा चाहता हूं।
पिछले एक पखवारे से पंजाब कांग्रेस में खींचतान मचा है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू आमने-सामने है। सिद्धू ने तो कैप्टन के खिलाफ मोर्चा ही खोल रखा है।