जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. काबुल के हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के सुरक्षा हालात बहुत संवेदनशील हैं. अफगानिस्तान में फंसे हुए लोगों को इस हवाई अड्डे के ज़रिये फिलहाल निकाल पाना उनकी सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है. तालिबान का कब्ज़ा होने के बाद भारत ने अफगानिस्तान से छह उड़ानों के ज़रिये 550 लोगों को बाहर निकाला था. अफगानिस्तान में 20 भारतीय मौजूद हैं. भारत सरकार उनके सम्पर्क में है. अनुकूल समय आते ही उन्हें भारत लाया जाएगा.
जानकारी के अनुसार सोमवार की सुबह काबुल एयरपोर्ट की तरफ छह राकेट दागे गए थे लेकिन इन सभी को अमेरिका के एंटी मिसाइल डिफेन्स सिस्टम ने एयरपोर्ट तक पहुँचने नहीं दिया वर्ना एयरपोर्ट पर भयावाह स्थिति पैदा हो सकती थी. एयरपोर्ट पर एक और आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ाने की कोशिश की थी लेकिन यूएस आर्मी ने उसे विफल कर दिया.
विदेश मंत्रालय के अनुसार करीब 140 अफगानी हिन्दू और सिख श्रद्धालु भी भारत आना चाह रहे हैं. तालिबान ने इन्हें 26 अगस्त को रोक दिया था. तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद से भी इन श्रद्धालुओं ने बात की है. तालिबान प्रवक्ता ने उन्हें आश्वस्त किया है कि जिनके पास मान्य वीजा और पासपोर्ट होगा उन्हें रोका नहीं जाएगा. तालिबान प्रवक्ता ने उनसे कहा है कि जब तक एयरपोर्ट पर सामान्य हालात न हों वे यात्रा नहीं करें.
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उधर यूएस आर्मी अपने बचे हुए जवानों को अफगानिस्तान से निकालने के काम में जुटी हुई है. जानकारी मिली है कि अमरीकी सैनिक निकलने के बाद काबुल एयरपोर्ट की ज़िम्मेदारी कतर या तुर्की के हवाले की जायेगी. वहीं के लोग एयरपोर्ट की सुरक्षा का ज़िम्मा भी संभालेंगे और हवाई अड्डा प्रबंधन भी देखेंगे.