जुबिली स्पेशल डेस्क
अफगानिस्तान में तालिबान का राज शुरू हो गया है। हालांकि अभी तक वहां पर नई सरकार नहीं बनी है लेकिन तालिबान ने अपनी सरकार को मान्यता देने के लिए अन्य देशों से गुहार भी लगा रहा है।
कहा जा रहा है कि तालिबान को अलग-थलग भी किया जा सकता है। हालांकि अब इस पूरे मामले पर मंगलवार को जी-7 देशों की अहम बैठक होनी है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में तय होगा कि तालिबान का क्या करना है।
कहने का मतलब यह है कि तालिबान को दुनिया में अलग-थलग करने के लिए तमाम तरह के प्रतिबंध लागू किए जाएंगे या फिर उसे मान्यता मिलेगी, इसको लेकर इस बैठक में बड़ा फैसला उठाया जा सकता है।
जानकारी मिल रही है कि जो बाइडेन जी-7 देशों के नेताओं के साथ वर्चुअल मीटिंग कर सकते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बैठक में तालिबान को लेकर कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। इस बैठक में अफगानिस्तान से अमेरिका और नाटो देशों की सेनाओं को 31 अगस्त के बाद रूकने की सलाह दी जा सकती है।
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मीडिया रिपोट्र्स की माने तो इस बैठक में तय किया जायेगा कि तालिबान को मान्यता देनी है या नहीं। इतना ही नहीं इस बैठक में कुछ और मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। 15 अगस्त को तालिबान ने अफगानिस्तान पर अपना पूरा कब्जा कर लिया था।
इसका नतीजा रहा कि वहां पर दहशत का माहौल है और लोग अफगानिस्तान छोडक़र दूसरे देशों में शरण लेते नजर आ रहे हैं। इसके आलावा अमेरिका पर सवाल उठ रहे हैं। अमेरिका सेना के वापस जाने के बाद बेहद कम समय में अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा कर लिया है।