जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अगले साल विधान सभा चुनाव होना है। ऐसे में बीजेपी दोबारा सत्ता में वापसी का सपना देख रही है। हालांकि उसकी राह उतनी आसान नहीं है।
दरअसल बीजेपी को रोकने के लिए अखिलेश यादव लगातार अपने संगठन को मजबूत करने में लगे हुए है। उन्होंने साफ कर दिया है 2022 में होने वाले विधान सभा चुनाव में किसी भी बड़े दल के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा लेकिन छोटे दलों को लेकर साथ जरूर चलेगे।
उधर सपा से अलग हो चुके शिवपाल यादव भी इस बार चुनावी दंगल में अपनी मजबूत दावेदारी पेश करते नजर आ रहे हैं। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे उनका सपा प्रेम भी फिर जागता हुआ नजर आ रहा है।
यह भी पढ़ें : अमेरिका ने कब्जे में लिया काबुल एयरपोर्ट, मची अफरातफरी
यह भी पढ़ें : अफगानिस्तान में बस इन तीन देशों के खुले रह गए हैं दूतावास
यह भी पढ़ें : अब अलीगढ़ का नाम होगा ‘हरिगढ़’, मैनपुरी का भी बदलेगा नाम
ऐसे में कयास लगाये जा रहे हैं कि बहुत जल्द शिवपाल यादव और अखिलेश यादव एक मंच पर नजर आ सकते हैं। 2017 के चुनाव से पहले हुए झगड़े के बाद पहली बार लग रहा है कि शिवपाल यादव से हाथ मिला सकते हैं।
यह भी पढ़े : शिवपाल के प्रस्ताव पर अखिलेश क्यों है चुप
यह भी पढ़े : शिवपाल यादव ने अखिलेश को लेकर दिया बड़ा संकेत
इसको बल इसलिए मिल रहा है कि क्योंकि हरदोई पहुंचे प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने खुलकर सपा के साथ गठबंधन करने की बात कही है।
उन्होंने कहा कि दो साल पहले उन्होंने नारा दिया था कि गैर भाजपाई दल उनके साथ मिलकर काम करें तो उनकी प्राथमिकता है. इसलिए उनका आज भी यही कहना है कि उनकी पहली प्राथमिकता में समाजवादी पार्टी ही है। अब देखना होगा शिवपाल यादव के इस बयान के बाद क्या अखिलेश यादव चाचा की पार्टी प्रसपा के साथ गठबंधन करेगे क्या।