Tuesday - 29 October 2024 - 9:15 PM

Muharram 2021 : नहीं हुआ चांद का दीदार…गम का महीना बुधवार से

ऑल इंडिया शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास और मरकजी चांद कमेटी के सदर मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने मोहर्रम के चांद का ऐलान करते हुए कहा कि आज आसमान में चांद नजर नहीं आया है, लिहाजा 11 अगस्त को मोहर्रम की पहली तारीख मानी जाएगी और 20 अगस्त को यौमे आशूरा मनाया जाएगा

जुबिली स्पेशल डेस्क

लखनऊ। माहे मोहर्रम का चांद सोमवार को दिखाई नहीं दिया। शिया-सुन्नी चांद कमिटियों ने चांद की तस्दीक न होने का ऐलान देर शाम किया। ऐसे में, 11 अगस्त को मोहर्रम की पहली तारीख होगी। यौम-ए-आशूरा (10वीं मोहर्रम) 20 अगस्त को मनाया जाएगा।

सोमवार को दिन भर हुई बारिश के बाद बादलों ने आसमान पर डेरा डाल दिया था। मगरिब (संध्या) की नमाज के बाद उलमा चांद देखने की कोशिश में लगे रहे पर, बादलों का आवाजाही के चलते मोहर्रम महीने के चांद की पुष्टि नहीं हो पा रही थी। हालांकि, शाम पौने आठ बजे देश भर से चांद न दिखाई देने की शरई तस्दीक लखनऊ के शिया-सुन्नी उलमा ने की।

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चांद नमुदार न होने की घोषणा मरकजी शिया चांद कमिटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास नकवी, मरकजी चांद कमिटी के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली और इदारा-ए-शरिया के अध्यक्ष मुफ्ती अबुल इरफान मियां ने की।

इमाम हुसैन की शहादत की याद में मुहर्रम मनाया जाता है

मोहर्रम के आगज से पहले ही राजधानी के पुराने शहर में अजाखाने सज गए हैं। अकीदतमंद अपने इमाम हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम व कर्बला के 71 शहीदों का गम मनाने को बेकरार हैं।

अपने इमाम को मेहमान बनाने के लिए अजादार कोई कमी नहीं छोड़ना चाहते। इसी के चलते इमामबाड़ों में रंगाई-पुताई के अलावा उसे और बेहतर बनाने का काम तगरीबन मुकम्मल हो चुका है।

रौजा-ए-काजमैन, मदरसा सुल्तानिया और मुफ्तीगंज समेत अन्य जगहों पर सोमवार शाम से ताजियों का हदिया शुरु हो गया। इनकी कीमत डेढ़ हजार से 20 हजार रुपये तक है, वहीं छोटे ताजिया की कीमत 15 रुपये से पांच हजार तक निर्धारित रहेगी।

मोहर्रम की आमद से पहले सोमवार तीसरे पहर के बाद, खासकर पुराने इलाकों में गमी तारी हो गई है। अकीदतमंदों ने काले लिबास निकाल लिए। अय्यामे अजा के इस्तख्बाल में मजलिस व मातम का दौर शुरु हो गया है।

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