जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. टोक्यो ओलम्पिक में रवि दहिया ने भारत के लिए रजत पदक जुटाया. फाइनल मुकाबले में अपनी तमाम कोशिशों के बावजूद रवि रूस के पहलवान जावुर युगुएव से नहीं जीत पाए और गोल्ड की दहलीज़ तक पहुंचकर भी उनके हिस्से में सिल्वर मेडल ही आया.
भारतीय पहलवान रवि दहिया से देश को गोल्ड मेडल की उम्मीद थी. उन्होंने कमाल का प्रदर्शन भी किया. टोक्यो ओलम्पिक के पुरुष फ्रीस्टाइल 57 किलोग्राम भार वर्ग के फाइनल मुकाबले में रूस के जावुर युगुएव से भिड़ने के लिए उतरे अपनी तमाम कोशिशों के बावजूद वह रूसी पहलवान से 4 – 7 से हार गए और उनके हिस्से में सिल्वर मेडल आया.
रवि दहिया सेमीफाइनल में पीछे थे लेकिन कड़े मुकाबले में उन्होंने कजाकस्तान के नूर इस्लाम को हराकर फाइनल में अपनी जगह पक्की की तो भारत को गोल्ड की उम्मीद बढ़ गई. फाइनल मुकाबला शुरू हुआ तो रूसी पहलवान जावुर युगुएव ने शुरू से ही आक्रामक तेवर अपनाये और पहले पीरियड में ही दो अंक ले लिए. रवि ने अपनी वापसी करते हुए कुछ ही देर में स्कोर बराबर कर दिया. जावुर युगुएव भी करो या मरो की नीति के साथ मैदान में था. उसने फिर दो अंक हासिल किये और 4 – 2 की बढ़त के साथ वह आगे पहुँच गया. दूसरे पीरियड में तीन और अंक हासिल कर मुकाबले को 7 – 2 में बदल दिया. अंतर काफी बढ़ गया था लेकिन रवि ने ज़बरदस्त वापसी करते हुए दो अंक फिर हासिल किये लेकिन यह कोशिशें उसे गोल्ड तक नहीं पहुंचा पाईं लेकिन सिल्वर ही सही उसने इसके लिए खूब पसीना बहाया.
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साल 2019 में जावुर युगुएव ने नूर सुलतान में विश्व चैम्पियनशिप का गोल्ड जीता था, उस साल रवि दहिया ने भारत के लिए ब्रांज जीता था. जावुर इस बार फिर गोल्ड का हकदार बन गया लेकिन रवि ने अपने पिछले रिकार्ड को सुधारते हुए इस साल भारत के लिए सिल्वर मेडल का इंतजाम किया.